Saraikela: प्रकृति और संस्कृति के संगम में सरहुल पर्व, सरायकेला में मनाया गया पारंपरिक पर्व

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सरायकेला: जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में सरहुल पर्व को पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया. इस विशेष अवसर पर ईचागढ़ थाना अंतर्गत रुगड़ी अगसाई देओलटांड में लाया पुजारी प्रकाश पहल ने जाहेर थान में प्रकृति की पूजा अर्चना की और देश-राज्य की खुशहाली की कामना की.

प्रकृति के साथ हमारे अस्तित्व का संबंध

लाया पुजारी प्रकाश पहल ने अपने संबोधन में कहा कि सरहुल पर्व प्रकृति से गहरा जुड़ा हुआ है और यह हमें हमारे अस्तित्व को पेड़-पौधों और प्रकृति से जोड़ने का संदेश देता है. इस पर्व के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर और प्रकृति के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हैं.
सरहुल पर्व के इस कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के लोगों ने बाजा गाजा के साथ पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया, जो देर रात तक चलता रहा. नृत्य के साथ-साथ खुशी का माहौल भी बना रहा, जिसमें गांव के लोग पूरे उत्साह के साथ शामिल हुए.

सैकड़ों ग्रामवासी पहुंचे इस खास अवसर पर

इस कार्यक्रम में भुवनेश्वर माझी, कुलदीप माझी, विक्रांत मांझी, बिट्टू मांझी, वरुण मांझी, सुभाष चंद्र मांझी, बद्रीनाथ मांझी, मुचिरा मांझी, प्रकाश मांझी समेत सैकड़ों ग्रामवासी उपस्थित थे. उनके सामूहिक प्रयासों से इस पर्व की महत्ता और परंपरा को सशक्त रूप से मनाया गया.

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