
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा और उसके आसपास के क्षेत्र में एनएच-49 और एनएच-18 के किनारे स्थित वाशिंग सेंटर स्थानीय जनता और यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. इन सेंटरों से ट्रकों की धुलाई के दौरान ग्रीस, तेल और गंदा पानी सड़कों पर बहता है, जिससे सड़क पर फिसलन और दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है.
स्थानीय निवासियों की समस्याएँ
स्थानीय निवासी और यात्री प्रतिदिन इस स्थिति का सामना कर रहे हैं. विशेष रूप से नमी वाले मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. सड़कों पर गंदगी और पानी के कारण बच्चों, बुजुर्गों और विद्यार्थियों का चलना दूभर हो गया है.
यातायात अवरोध और आपातकालीन सेवाओं में बाधा
वाशिंग सेंटरों के कारण ट्रकों की लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे यातायात बाधित होता है. इससे न केवल आम लोगों को बल्कि आपातकालीन सेवाओं को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
दुर्घटनाओं में वृद्धि
विगत दिनों वाशिंग सेंटरों से फैलने वाले गंदे पानी और फिसलन के कारण कई सड़क दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, जिनमें स्थानीय लोग घायल हुए हैं. यह समस्या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है.
स्थानीय आवाज: प्रशासन से कार्रवाई की मांग
स्थानीय अधिवक्ता ज्योतिर्मय दास ने प्रशासन का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित करते हुए तुरंत कदम उठाने की अपील की है. उनका कहना है कि वाशिंग सेंटरों का संचालन न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित कर रहा है, बल्कि पर्यावरण और जन सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है.
प्रशासन की भूमिका और संभावित समाधान
प्रशासन को चाहिए कि:
1. सख्त नियमन: एनएच किनारे वाशिंग सेंटरों के संचालन के लिए कड़े नियम बनाए जाएँ.
2. सीवेज प्रबंधन: गंदे पानी के उचित निस्तारण के लिए व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएँ.
3. जुर्माना: नियमों का उल्लंघन करने वाले सेंटरों पर जुर्माना लगाया जाए.
4. जनजागरूकता: स्थानीय जनता और संचालकों के बीच पर्यावरण और सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए.
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