
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ भड़की हिंसा ने जानलेवा रूप ले लिया. सुती और शमशेरगंज इलाकों में हुई झड़पों में एक ही परिवार के बाप-बेटे समेत तीन लोगों की जान चली गई. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि राज्य में यह कानून लागू नहीं किया जाएगा.
हाईकोर्ट सख्त, केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश
कोलकाता हाई कोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया. न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता में खंडपीठ ने कहा कि अदालत हालात की अनदेखी नहीं कर सकती. केंद्र और राज्य सरकार को 17 अप्रैल तक विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया.
1600 अर्धसैनिक बल होंगे तैनात
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के 800 जवान पहले से तैनात हैं. अब 1600 अतिरिक्त जवान जल्द ही मोर्चा संभालेंगे. केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया. गृह मंत्रालय ने 10 अर्धसैनिक कंपनियों को अलर्ट पर रखा है.
ममता बनर्जी ने साफ कहा, “हमने यह कानून नहीं बनाया. यह केंद्र का फैसला है, जवाब भी वही दे.” उन्होंने सवाल उठाया कि जब कानून लागू ही नहीं किया जाएगा तो हिंसा का औचित्य क्या है?
केंद्रीय गृह सचिव ने की आपात बैठक
गृह सचिव गोविंद मोहन ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से वीडियो कांफ्रेंस कर स्थिति की समीक्षा की. गृह मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद में पहले से मौजूद 300 BSF जवानों के अलावा पांच नई कंपनियों की तैनाती की पुष्टि की.
चाकू और गोली से गई जानें, 150 गिरफ्तार
शमशेरगंज के जाफराबाद इलाके में एक घर से बाप-बेटे के शव बरामद हुए, जिन पर चाकू के निशान थे. परिवार ने आरोप लगाया कि बदमाशों ने लूटपाट के बाद हत्या की. एक अन्य घटना में सुती के साजुर मोड़ पर गोली लगने से घायल युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. धुलियान में बीड़ी फैक्ट्री के दो मजदूर भी गोलीबारी में घायल हुए. हिंसा के संबंध में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान, रेल सेवा बाधित
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले किया, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और सड़कों पर जाम लगाया. न्यू फरक्का-अजीमगंज रेल मार्ग पर छह घंटे तक ट्रेन सेवा बाधित रही. कई हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
डीजीपी की चेतावनी: कानून अपने हाथ में न लें
राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने हिंसा फैलाने वालों को सख्त चेतावनी दी. उन्होंने कहा, “यह अच्छाई और बुराई की लड़ाई है. अफवाहों से दूर रहें. पुलिस दोषियों को नहीं छोड़ेगी.”
एनआईए जांच की मांग, भाजपा का हमला
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हिंसा की जांच एनआईए से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह पूर्व नियोजित हमला था और जिहादी ताकतें लोकतंत्र को चुनौती दे रही हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि हिंदुओं को डराने की कोशिश हो रही है, लेकिन वे चुप नहीं बैठेंगे.
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने इसे सुनियोजित साजिश बताया.
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