
जमशेदपुर: तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को फिर से बहाल करने का प्रयास फिलहाल विफल हो गया है. सिख पंथ के सर्वोच्च धार्मिक पीठ श्री अकाल तख्त साहिब ने मंगलवार को एक निर्णायक आदेश जारी करते हुए उन्हें किसी भी धार्मिक गतिविधि में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है. यह आदेश पाँच सिंह साहिबानों द्वारा हुई बैठक के उपरांत संयुक्त रूप से जारी किया गया.
श्री अकाल तख्त साहिब में पेशी तक निषेध
आदेश के अनुसार, जब तक ज्ञानी इकबाल सिंह श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होकर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं करते, उन्हें किसी भी प्रकार की धार्मिक सेवा या गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. यह निर्णय तख्त की मर्यादा और धार्मिक अनुशासन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
बहाली की मांग करने वालों को झटका
ज्ञानी इकबाल सिंह को पुनः जत्थेदार बनाए जाने की मांग करने वाले पटना साहिब प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह और उनके सहयोगी गुरमीत सिंह, हरपाल सिंह, राजा सिंह और एचएस ढिल्लन को इस निर्णय से गहरा झटका लगा है. इन सभी ने पूर्व में समिति के महासचिव को पत्र लिखकर विशेष बैठक बुलाने की मांग की थी और इस संबंध में हाई कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया था.
ज्ञानी इकबाल सिंह का दावा – मैं अब भी सेवा में सक्षम
ज्ञानी इकबाल सिंह ने समिति को लिखित रूप से सूचित किया था कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार उन्हें पूर्व में दो किस्तों में कुल 31 लाख रुपए मिले थे, पर वे अब भी पूरी तरह तंदुरुस्त हैं और धार्मिक सेवा देने के लिए तैयार हैं.
सामने आए आर्थिक आरोप भी
इस बीच, पटना के काली स्थान निवासी मनमीत सिंह ने एक पत्र भेजकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार, ज्ञानी इकबाल सिंह के बेटे ने उनके एटीएम से लगभग ढाई लाख रुपए निकाल लिए. इसके अलावा एक दस चक्का ट्रक (कीमत लगभग 40 लाख) और मुथूट फाइनेंस में 90 ग्राम सोना गिरवी रखकर 5 लाख की राशि भी प्राप्त की गई है. उन्होंने इस धनराशि की वापसी की मांग की है.
सिंह साहिबानों ने जताया सख्त रुख
पाँच सिंह साहिबानों की बैठक में यह भी कहा गया कि ज्ञानी इकबाल सिंह को पहले 15 जुलाई 2024 को सेवा में रखा गया था. लेकिन अब उन पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए बिना श्री अकाल तख्त साहिब में पेशी के वे धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते.
कौमी सिख मोर्चा ने किया समर्थन
कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि समस्त सिख समाज को इस फैसले पर कड़ा पहरा देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पटना साहिब प्रबंधन समिति का पुनः चुनाव नहीं होता, इस प्रकार के अंतर्विरोध पंथ की गरिमा को आघात पहुँचाते रहेंगे.
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