
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा प्रखण्ड के राजलाबांध गांव के रहने वाले समाजसेवी सह व्यवसायी गजेंद्र सिंह और शकीला देवी के छोटे पुत्र कुंदन कुमार सिंह ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा में 108 वां रैंक प्राप्त किया। उनकी इस सफलता से परिजनों के अलावे पूरे बहरागोड़ा में खुशी है। जेपीएससी की 11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2023 में आयोजित की गई थी।
कुंदन कुमार सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बहरागोड़ा में कक्षा 5 तक हिंदी माध्यम से पूरी की। इसके बाद उन्होंने बहरागोड़ा थाना क्षेत्र के डीएबी पब्लिक स्कूल से कक्षा 6 से 10वीं तक की पढ़ाई सीबीएसई बोर्ड से पूरी की। वर्ष 2011 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा दी, जिसमें उन्होंने 91.2% अंक प्राप्त कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
इसके बाद वे मेडिकल की तैयारी के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल, रांची में विज्ञान (जीव विज्ञान) से इंटरमीडिएट में दाखिल हुए और 2013 में 83.2% अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए। हालांकि नीट परीक्षा में डेंटल में चयन होने के बाद उन्होंने मेडिकल क्षेत्र छोड़ सिविल सेवा को अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय के फिरोज गांधी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की और 2018 में प्रथम श्रेणी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे पूर्ण रूप से सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए।
माता पिता को दिया सफलता का श्रेय
कोविड महामारी के दौरान उन्होंने घर पर रहकर ही प्रारंभिक तैयारी की। 2021 में 7वीं से 10वीं जेपीएससी परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो सके। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और रांची में कैटालिस्ट कोचिंग संस्थान से विशाल सर के मार्गदर्शन में दोबारा तैयारी की। अंततः 2023 में उन्हें सफलता मिली और डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित हुए।
कुंदन कुमार सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता गजेंद्र सिंह और माता शकीला देवी को दिया। उन्होंने बताया कि जब कभी वे निराश होते थे, तो पिता का मार्गदर्शन उन्हें नई ऊर्जा देता था। उन्होंने कहा कि जब परीक्षा में असफल हुए थे, तो पिता ने उन्हें यह कहकर हिम्मत दी कि अगर सिविल सेवा में सफलता नहीं भी मिली, तो वे पारिवारिक व्यवसाय को संभाल सकते हैं।
तत्कालीन एसडीपीओ से मिली प्रेरणा
कुंदन सिंह ने ल बताया कि वे पढ़ाई के साथ-साथ अपने पिता के व्यवसाय में भी हाथ बंटाते थे, जिससे उन्हें जीवन के व्यावहारिक अनुभव भी मिलते थे। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा उन्हें बचपन से ही मिलती रही, लेकिन यह निर्णय तब मजबूत हुआ जब घाटशिला के तत्कालीन एसडीपीओ राजकुमार मेहता से उनका संपर्क हुआ। वर्तमान में जामताड़ा के एसपी राजकुमार मेहता से बातचीत के बाद उन्हें नई दिशा और प्रेरणा मिली। कुंदन कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे की कड़ी मेहनत की। उनका मानना है कि जेपीएससी जैसी परीक्षाओं में सफलता के लिए उत्तर लेखन अभ्यास सबसे महत्वपूर्ण है।
युवाओं से आगे आने की अपील
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि यहां के छात्रों में भी अपार प्रतिभा है। अधिकतर छात्र इंजीनियरिंग या मेडिकल को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन सिविल सेवा भी एक शानदार विकल्प है। आज के समय में सीमित संसाधनों में भी ऑनलाइन माध्यम से घर पर बैठकर सिविल सेवा की तैयारी की जा सकती है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस क्षेत्र में आगे आएं और समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम करें। कुंदन कुमार सिंह के परिवार में दो भाई और एक बहन हैं। उनके बड़े भाई डॉ. चंदन कुमार सिंह बहरागोड़ा में लैप्रोस्कोपिक सर्जन के रूप में सेवा दे रहे हैं, जबकि बड़ी बहन सुनीता सिंह विवाहित हैं। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्व से भर दिया है, बल्कि पूरे बहरागोड़ा क्षेत्र को भी प्रेरित किया है।
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