
जमशेदपुर: डुमरिया प्रखंड के कांटाशोला गांव में संचालित मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना के तहत विकसित माइक्रो इकोनॉमिक जोन का गुरुवार को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने निरीक्षण किया. उन्होंने ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं, किसानों और युवाओं से संवाद करते हुए आजीविका आधारित गतिविधियों की जानकारी ली और उनके विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया.
माइक्रो इकोनॉमिक जोन के तहत महिलाओं और किसानों को विभिन्न प्रशिक्षण देकर कृषि, लघु उद्यम और पशुपालन जैसे कार्यों से जोड़ा गया है. इनमें प्रमुख हैं:
नर्सरी, किचन गार्डन और सौर ऊर्जा से सिंचाई
जल संरक्षण तकनीक
हॉलर व ग्राइंडिंग मशीन, आटा चक्की, तेल मिल
सैनिटरी नैपकिन निर्माण
पशुपालन, पोल्ट्री विकास और टीकाकरण
भंडारण व विपणन हेतु गोदाम निर्माण
तकनीकी प्रशिक्षण और युवाओं की भागीदारी पर विशेष जोर
उपायुक्त ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक महिलाओं और किसानों को प्रशिक्षण से जोड़ा जाए. साथ ही स्थानीय युवाओं की तकनीकी गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल सके.
उन्होंने कहा कि सभी गतिविधियों में पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रखकर कार्य किया जाए. योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सतत मूल्यांकन, पारदर्शिता, जवाबदेही और लाभुकों के साथ नियमित संपर्क बेहद आवश्यक है.
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने का एक सशक्त माध्यम है. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और टिकाऊ आजीविका के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि योजना का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर समावेशी और परिणामपरक हो, जिससे राज्य सरकार के आत्मनिर्भर गांवों के लक्ष्य को साकार किया जा सके.
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