
जमशेदपुर: गोविंदपुर के दयाल सिटी निवासी रौशन झा ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा से एक और उपलब्धि अपने नाम की है. उन्हें भारत सरकार के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्रालय द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उनकी पुस्तक सहज गीतामृत के माध्यम से भारतीय आध्यात्मिक साहित्य में दिए गए उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रदान किया गया.
सरलता में छिपा भारतीय संस्कृति का गूढ़ ज्ञान
रौशन झा ने अपनी पुस्तक सहज गीतामृत के जरिए भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को सहज, सरल और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया है. उन्होंने नई पीढ़ी को प्रेरित करने और आध्यात्मिक साहित्य को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ने का प्रयास किया है, जिससे उनका कार्य राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है.
पहले भी मिल चुके हैं कई बड़े सम्मान
रौशन झा इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं. वर्ष 2023-24 में उन्हें भारत सरकार द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई थी. साथ ही, वे रवींद्र रत्न पुरस्कार 2024 और राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान 2024 जैसे महत्वपूर्ण सम्मानों के प्राप्तकर्ता रह चुके हैं.
गोविंदपुर में बधाई देने वालों का लगा तांता
महात्मा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद रौशन झा के गोविंदपुर स्थित निवास पर परिवार, मित्र और शुभचिंतकों का जमावड़ा लगा रहा. सभी ने उनकी इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
साहित्य के प्रति निरंतर प्रयास का संकल्प
रौशन झा ने इस मौके पर कहा, “यह सम्मान मेरे लिए एक नई प्रेरणा है. मैं भारतीय साहित्य को समृद्ध करने के लिए अपने प्रयास जारी रखूंगा.” उन्होंने इस उपलब्धि को गोविंदपुर और पूरे क्षेत्र का गौरव बताया. उनकी यह उपलब्धि न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय पटल पर भी प्रेरणा का स्रोत बन गई है.
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