
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाला हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी अब गिरफ्त में आ गया है. वह वर्षों पहले भारत से फरार हो गया था, लेकिन अब उसे बेल्जियम में पकड़ा गया है.
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर बेल्जियम पुलिस ने उसे एक अस्पताल से हिरासत में लिया है.
2018 से चल रहा था फरारी का खेल
मेहुल चोकसी ‘गीतांजलि ग्रुप’ नामक कंपनी का मालिक है. उसने 2011 से PNB को लोन के नाम पर धोखा देना शुरू किया था. यह घोटाला 2018 में उजागर हुआ, जिसके बाद वह देश छोड़कर फरार हो गया.
वह लंबे समय तक अलग-अलग देशों में छिपता रहा. अब वह खुद ही ऐसे देश में पहुंच गया है, जहां से उसे भारत लाना कानूनी रूप से संभव माना जा रहा है.
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में तेजी
सूत्रों के अनुसार, चोकसी इलाज के लिए बेल्जियम गया था. भारतीय एजेंसियों को जैसे ही उसकी मौजूदगी का पता चला, उन्होंने तत्काल कार्रवाई शुरू की.
सीबीआई और ईडी ने करीब तीन महीने पहले ही उसके प्रत्यर्पण के लिए आवेदन जमा किया था.
बताया जा रहा है कि चोकसी स्विट्ज़रलैंड भागने की तैयारी में था, लेकिन इससे पहले ही बेल्जियम प्रशासन ने उसे दबोच लिया.
क्या मोदी-फिलिप वार्ता ने बदला रुख?
News18 की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेल्जियम के राजा फिलिप के बीच एक बैठक हुई थी.
इस बातचीत में व्यापार, निवेश और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा हुई.
सूत्रों का दावा है कि इसी बैठक में मेहुल चोकसी का मुद्दा भी उठा और इसके बाद ही गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज हो गई.
बेल्जियम से प्रत्यर्पण क्यों है आसान?
भारत से भागने के बाद चोकसी ने पहले कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ली. फिर वह डोमिनिका पहुंचा, जहां उसे अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इन देशों के साथ भारत का प्रत्यर्पण समझौता नहीं होने के कारण उसे वापस लाना मुश्किल था.
अब जबकि वह बेल्जियम में है, भारत को उसे लाने में बड़ी राहत मिल सकती है.
भारत और बेल्जियम के बीच 1901 से प्रत्यर्पण संधि है, जो आज भी प्रभावी है. इससे भारत को कानूनी अधिकार मिलते हैं कि वह चोकसी को औपचारिक रूप से वापस लाने की मांग कर सके.
बेल्जियम में बना चुका था नेटवर्क
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, चोकसी की कंपनियां बेल्जियम में हीरे और आभूषण के व्यापार में सक्रिय थीं.
बेल्जियम का हीरा उद्योग वैश्विक रूप से प्रतिष्ठित है और चोकसी ने वहां अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी.
बताया जा रहा है कि उसने अपनी बेल्जियम की नागरिक पत्नी के माध्यम से ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ भी हासिल कर लिया था, जिससे उसे वहां रहने और व्यापार करने की सहूलियत मिल गई थी.
क्या कानूनी लड़ाई फिर रोकेगी वापसी?
हालांकि चोकसी को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि वह बेल्जियम की अदालत में कानूनी अड़चनें खड़ी कर सकता है.
उसके वकील जमानत की मांग कर सकते हैं, जिससे भारत लाने की प्रक्रिया में कुछ देरी संभव है.
उसके भतीजे नीरव मोदी के खिलाफ भी लंदन में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में अगर चोकसी भारत लाया गया, तो यह भारतीय एजेंसियों के लिए बड़ी कामयाबी होगी और PNB घोटाले की जांच को एक नई दिशा मिल सकती है.
अब निगाहें बेल्जियम की अदालतों और भारत की कूटनीतिक कोशिशों पर टिकी हैं.
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