
बोकारो : झारखंड की नदीयों से बालू निकालना कोई नई बात नहीं है बरसों से इस खेल को बालू माफिया अंजाम देते रहे हैं. और नदियों का सीना छलनी करते रहे हैं. इस खेल में अक्सर स्थानीय पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधि की भी अहम भागीदारी देखी गई है। यह कहना गलत होगा कि इस अवैध बालू के कारोबार की जानकारी संबंधित अधिकारियों को नहीं है. फिर भी अवैध तरीके से बालू उठाने का कारोबार फल फूल रहा है. बोकारो में राज्य के राजस्व को ध्यान में रखते हुए अवैध बालू के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए बोकारो जिला की उपायुक्त विजया जाधव को कई दिनों से गुप्त सूचना प्राप्त हो रही थी. बोकारो जिला के दामोदर नदी तट पर बने भतूआ पंचायत अंतर्गत भतूआ घाट, रानी पोखर घाट, वास्ते जी घाट, बरुआाहरी पचौडा घाट सहित विभिन्न घाटों से दामोदर नदी का सीना छलनी करते हुए अवैध बालू माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से बालू उठाने का कारोबार तेजी से किया जा रहा है.
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जब्त अवैध बालू को को पुलिस लाइन पहुंचाया गया
उपायुक्त के दिशा निर्देश पर बोकारो जिला खनन विभाग एवं हरला थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से टीम गठित कर भातुआ पंचायत अंतर्गत दामोदर नदी के तट पर अवैध बालू माफियाओं के खिलाफ अभियान चला कर छापेमारी की. इस छापेमारी में बालू माफियाओं द्वारा भारी मात्रा में स्टॉक किए गए हजारों टन बालू बरामद किया गया. सभी जब्त अवैध बालू को तीन जेसीबी और दर्जनों हाइवा की मदद से अवैध बालू को पुलिस लाइन पहुंचाया गया है. बालू माफिया बोकारो जिला खनन विभाग के आंख में खुलेआम धूल झोक कर विभिन्न घाटों से अवैध रूप से बालू के कारोबार को बालू माफिया अंजाम दे रहे हैं.
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पुलिस प्रशासन भी अपना मुह बंद किए हुए है
बालू के अवैध कारोबार में पंचायत के मुखिया का भी संरक्षण प्राप्त है. भतूआ घाट से बालू उठाने वालों में मुख्य रूप से निर्मल महतो, कला चंद महतो, रमेश महतो, शंकर टूरी, धर्मेंद्र महतो एवं राजेश सहित दर्जनों ग्रामीण बेरोजगार युवक शामिल है. इन सभी के संरक्षण में सैकड़ो ट्रैक्टरों की मदद अवैध बालू धुलाई के काम में ली जा रही है. जिसे ऊंचे दामों पर जरूरतमंद लोगों को बालू माफिया द्वारा बेचा जा रहा है. बालू के अवैध कारोबार के संदर्भ में पूछे जाने पर नहीं पुलिस प्रशासन मुंह खोल रहा है ना ही खनन विभाग.
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