
नई दिल्ली: रेलवे ने टिकटिंग प्रणाली में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब वेटिंग लिस्ट चार्ट चार घंटे पहले नहीं, बल्कि 24 घंटे पहले तैयार किया जाएगा। यह पहल फिलहाल बीकानेर मंडल की एक ट्रेन में प्रायोगिक रूप से शुरू की गई है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार इस कदम से यात्रियों को न केवल समय रहते वैकल्पिक यात्रा योजनाएं बनाने में सहूलियत होगी, बल्कि रेलवे को भी अतिरिक्त कोच की योजना बनाने का पर्याप्त समय मिलेगा।
बीकानेर मंडल में शुरू हुए इस प्रयोग के चार दिन के भीतर सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। यात्रियों को पारदर्शी जानकारी मिलने से अस्थिरता कम हुई है। अब रेलवे इसका विस्तार देश के भीड़भाड़ वाले रूटों पर करने की तैयारी में है।
विशेष रूप से दिल्ली से यूपी, बिहार, बंगाल और बिहार/यूपी से महाराष्ट्र व गुजरात के बीच चलने वाली ट्रेनों में यह प्रयोग जल्द किया जाएगा, जहां वेटिंग लिस्ट आमतौर पर 400 तक पहुंच जाती है।
21 मई को बीकानेर दौरे पर आए रेल मंत्री को स्थानीय अधिकारियों ने यह सुझाव दिया था। अधिकारियों ने बताया कि इस कदम से यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकती है। रेल मंत्री ने तुरंत इस विचार को स्वीकृति दे दी।
वर्तमान में वेटिंग चार्ट 2.5 से 4 घंटे पहले तैयार होता है। ऐसे में यदि कोई यात्री वेटिंग में रह जाता है तो वैकल्पिक यात्रा की योजना बनाने का समय नहीं बचता। लेकिन 24 घंटे पहले चार्ट उपलब्ध होने से यात्री चाहें तो फ्लाइट या बस जैसे अन्य साधनों का चयन कर सकेंगे।
रेलवे के अनुसार यदि चार्ट एक दिन पहले बनता है तो ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ने या क्लोन ट्रेन चलाने जैसे निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इससे वेटिंग लिस्ट में शामिल यात्रियों को भी यात्रा का मौका मिल सकेगा।
रेलवे आंकड़ों के अनुसार 21% यात्री टिकट बुकिंग के बाद कैंसिल कर देते हैं, जबकि 4-5% यात्री यात्रा ही नहीं करते। एक दिन पहले चार्ट बनने से रेलवे को सटीक यात्री आंकड़े मिलेंगे, जिससे यात्रा प्रबंधन और कुशल होगा।
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इस नई व्यवस्था से तत्काल टिकट प्रणाली में कोई बदलाव नहीं होगा। यात्री पहले की तरह तत्काल कोटे से टिकट बुक कर सकेंगे।
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