Share Market: ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक बाजारों में मचाई तबाही, एक दिन में डूबे 20 लाख करोड़ – निवेशकों में हाहाकार

Spread the love

नई दिल्ली: सोमवार को वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं और अमेरिका में मंदी के बढ़ते संकेतों के बीच दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली. भारतीय शेयर बाजार भी इस झटके से अछूते नहीं रहे. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 2,226.79 अंक गिरकर 73,137.90 पर बंद हुआ. यह बीते दस महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 3,939.68 अंक तक गिर गया था. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 742.85 अंक गिरकर 22,161.60 पर बंद हुआ. इंट्रा-डे में यह गिरावट 1,160.8 अंकों तक पहुंच गई थी.

सेंसेक्स के लाल निशान: सिर्फ एक शेयर में तेजी

सेंसेक्स के 30 में से 29 शेयर लाल निशान पर बंद हुए. सबसे अधिक गिरावट टाटा स्टील में दर्ज की गई, जो 7.33 फीसदी लुढ़का. इसके बाद लार्सन एंड टूब्रो में 5.78 फीसदी, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई जैसे दिग्गज शेयर भी गिरे.
सिर्फ हिंदुस्तान यूनिलीवर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ.

गिरावट की व्यापकता: निवेशकों का डूबा धन

बीएसई पर कुल 3,515 शेयरों में गिरावट आई. मात्र 570 शेयरों ने बढ़त दर्ज की और 140 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ. 775 कंपनियां अपने 52-सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंचीं. रिपोर्ट्स के अनुसार, निवेशकों का करीब 20 लाख करोड़ रुपया बाजार से साफ हो गया.
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से आयातित महत्वपूर्ण उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा के बाद सोमवार को इसका वास्तविक प्रभाव दिखाई देने लगा. भारत ही नहीं, जापान से लेकर चीन तक, पूरे एशिया में शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट और भारी बिकवाली का दौर शुरू हो गया.

क्यों गहराया बाजारों पर टैरिफ का संकट?

एशिया के अधिकांश देश विनिर्माण और निर्यात पर आधारित अर्थव्यवस्थाएं हैं. चीन, वियतनाम, भारत और बांग्लादेश जैसे देशों के लिए अमेरिका एक प्रमुख बाज़ार है. जब ट्रंप सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाया, तो अमेरिकी उपभोक्ताओं को इन देशों से आयातित उत्पाद महंगे मिलने लगे. इससे एशियाई देशों के निर्यात को बड़ा झटका लगा. पूर्व अमेरिकी व्यापार अधिकारी फ्रैंक लाविन के अनुसार, ट्रंप के इस निर्णय का सर्वाधिक प्रभाव एशियाई बाजारों पर पड़ना तय है क्योंकि सबसे अधिक निर्यात यहीं से होता है.

भारत में कैसा रहा असर?

सोमवार की सुबह जैसे ही बाजार खुले, सेंसेक्स ने 3900 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ शुरुआत की. यह लगभग 5.22 प्रतिशत की गिरावट थी. रिपोर्टों के अनुसार, इस एक दिन में निवेशकों का करीब 20 लाख करोड़ रुपये डूब गया. हालांकि दिन के अंत में यह गिरावट थोड़ी संभली और सेंसेक्स 2,226 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ.

आंकड़ों के मुताबिक, यह भारत के शेयर बाजार के इतिहास में एक दिन की सबसे बड़ी पाँच गिरावटों में से एक है. निफ्टी में भी 742 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.

एशिया में चारों ओर बिकवाली का कहर

विश्लेषकों ने पहले ही आशंका जताई थी कि सोमवार ‘ब्लैक मंडे’ हो सकता है. एशिया के प्रमुख बाजार — शंघाई, टोक्यो, सिडनी और सियोल — सभी में भारी गिरावट देखी गई. कई निवेशकों ने इस दिन को ‘ब्लडबाथ’ की संज्ञा दी. बाजार में भय और भ्रम का वातावरण व्याप्त हो गया.

क्या अमेरिका मंदी की ओर बढ़ रहा है?

शेयर बाजारों में आई गिरावट के बीच अमेरिका में मंदी की संभावनाएं तेज़ हो गई हैं. जेपी मॉर्गन का अनुमान है कि मंदी की संभावना अब 60 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. गोल्डमैन सैक्स ने भी चेतावनी दी है कि अगले 12 महीनों में यह खतरा 45 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.
ट्रंप ने हालांकि इस पर अजीब प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “बाजारों को दवा की जरूरत है”.

क्या भारत करेगा जवाबी कार्रवाई?

भारत हमेशा कूटनीतिक संतुलन और संवाद को प्राथमिकता देता आया है. रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान भी भारत ने न्यूट्रल रुख अपनाया और दीर्घकाल में इससे लाभ भी मिला. भारत की नीति स्पष्ट है — टकराव नहीं, समाधान. भारत ने टैरिफ विवाद की आहट मिलते ही कुछ नीतिगत बदलाव किए हैं. अनुमान है कि भारत अमेरिका से टकराव की बजाय संवाद का रास्ता चुनेगा ताकि घरेलू उद्योगों पर प्रभाव न्यूनतम हो.

 

 

इसे भी पढ़ें : Trump Tarrif: व्हाइट हाउस में व्यापार युद्ध, ट्रंप की टैरिफ नीति पर टकराव – राष्ट्रपति भवन के भीतर बढ़ा तनाव


Spread the love

Related Posts

Jamshedpur  : अवैध खनन एवं परिवहन के खिलाफ खनन टास्क फोर्स की कार्रवाई में 3 वाहन जप्त

Spread the love

Spread the loveमानगो से बालू व कपाली से पत्थर चिप्स लदा वाहन पकड़ाया जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम के लिए…


Spread the love

Jadugora : रिटायर्ड यूसिल कर्मी विद्या शर्मा के सालाना वेतन वृद्धि पर रोक मामले में सहायक श्रमायुक्त चाईबासा ने लिया संज्ञान

Spread the love

Spread the love22 अगस्त को पक्ष रखने के लिए यूसिल प्रबंधन को भेजा नोटिस जादूगोड़ा : रिटायर्ड यूसिल कर्मी विद्या शर्मा के सेवा में रहते फर्जी आरोप पर दर्ज शिकायत…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *