
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कांग्रेस को संबोधित करते हुए भारत, चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों को अमेरिकी आयात पर उच्च शुल्क लगाने वाले देशों में शामिल किया. ट्रंप ने कहा कि जो भी देश अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाएगा, हम उसी अनुपात में उन पर टैरिफ लगाएंगे. इसके लिए 2 अप्रैल को एक महत्वपूर्ण तारीख तय की गई है. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क अमेरिका को फिर से समृद्ध और महान बनाने के लिए लगाए जा रहे हैं.
विदेशी टैरिफ का विरोध
ट्रंप ने कहा, “अन्य देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है. अब हमारे लिए भी उनका यही हथियार इस्तेमाल करने का समय आ गया है. औसतन, यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत और कई अन्य देशों द्वारा हमसे अधिक टैरिफ लिया जा रहा है. इन देशों की तुलना में हमारे द्वारा लिया गया टैरिफ बहुत कम है, और यह बिल्कुल अनुचित है. उदाहरण स्वरूप, भारत हमसे 100% ऑटो टैरिफ लेता है, चीन हमसे दोगुना टैरिफ लेता है, और दक्षिण कोरिया चार गुना टैरिफ लगाता है. यह प्रणाली अमेरिका के लिए उचित नहीं है, और यह कभी भी उचित नहीं रही.”
पारस्परिक टैरिफ का प्रस्ताव
ट्रंप ने घोषणा की कि 2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू होंगे. इसके अंतर्गत, “वे जो भी टैरिफ हम पर लगाते हैं, हम भी उन्हें उतना ही टैरिफ लगाएंगे. अगर वे हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक टैरिफ लगाते हैं, तो हम भी उनके बाजार में अवरोध उत्पन्न करेंगे.”
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और नौकरियों का वादा
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पिछले कई दशकों से अमेरिका को विभिन्न देशों ने आर्थिक रूप से शोषित किया है, लेकिन अब हम ऐसा होने नहीं देंगे. उनका कहना था कि टैरिफ से भारी आमदनी होगी और इससे अप्रत्याशित नौकरियां पैदा होंगी. उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल से अमेरिका में आने वाले विदेशी कृषि उत्पादों पर नया टैरिफ लागू होगा. यह नई व्यापार नीति अमेरिकी किसानों के लिए फायदेमंद होगी. ट्रंप ने आगे कहा, “गंदा और घटिया विदेशी सामान हमारे देश में आ रहा है, जो अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है. इसलिए, विदेशी एल्युमिनियम, कॉपर, लंबर और स्टील पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया गया है. ये केवल अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा के लिए नहीं हैं, बल्कि हमारे देश की आत्मा की रक्षा करने के लिए हैं.”
मैक्सिको और कनाडा पर आरोप
ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा को भी घेरते हुए आरोप लगाया कि इन देशों ने अमेरिका में फेंटानाइल (एक घातक मादक पदार्थ) के रिकॉर्ड स्तर पर आने को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप हजारों अमेरिकियों की जान चली गई. उन्होंने कहा कि अमेरिका इन देशों को बड़ी मात्रा में आर्थिक सहायता प्रदान करता है, लेकिन अब वह ऐसा और नहीं करेगा.
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