
प्रयागराज: लाखों श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए, आयुष मंत्रालय ने महाकुंभ मेला में आठ लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कीं. इसके माध्यम से उनकी पवित्र यात्रा सुरक्षित और स्वस्थ रही. इस आयोजन में 20 आयुष ओपीडी स्थापित करने से लेकर, मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों की तैनाती तक, 90 से अधिक डॉक्टर और 150 स्वास्थ्यकर्मियों ने निरंतर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किए. इन प्रयासों ने सुनिश्चित किया कि भक्त, कल्पवासी और संत बिना किसी स्वास्थ्य संबंधी चिंता के पवित्र उत्सव में भाग ले सकें, विशेष रूप से पवित्र महाशिवरात्रि स्नान के दौरान.
पारंपरिक चिकित्सा पर बढ़ते विश्वास का प्रतीक
प्रयागराज महाकुंभ में आयुष के नोडल अधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि मंत्रालय ने आठ लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा किया. यह बढ़ते हुए विश्वास को दर्शाता है जो श्रद्धालु पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में रखते हैं. श्रद्धालुओं को मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) द्वारा आयोजित चिकित्सीय योग सत्रों का भी लाभ मिला, जिसने शारीरिक और मानसिक कल्याण को बढ़ावा दिया.
आयुष कन्वेंशन हॉल और स्वास्थ्य सत्रों का आयोजन
स्वास्थ्य सेवा तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, प्रयागराज में सेक्टर-2, सेक्टर-21 और सेक्टर-24 में तीन आयुष कन्वेंशन हॉल स्थापित किए गए. यहां प्रतिदिन योग और स्वास्थ्य सत्रों के माध्यम से तीर्थयात्रियों को निवारक स्वास्थ्य सेवा, रोग प्रबंधन और समग्र जीवन शैली के बारे में जानकारी दी गई. प्रमुख अखाड़ों जैसे जूना, आनंद, निरंजनी और वैष्णव अखाड़ों में समर्पित स्वास्थ्य जांच के साथ श्रद्धेय साधुओं और संतों पर भी विशेष ध्यान दिया गया.
मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों का योगदान
इसके अतिरिक्त, मोबाइल आयुष स्वास्थ्य इकाइयों ने पूरे मेला क्षेत्र में दवाइयां वितरित कीं. विभिन्न टीमों ने छतरियों के नीचे कार्य करते हुए कल्पवासियों को आवश्यक स्वास्थ्य जांच उपलब्ध कराई. इस पहल ने तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का तत्काल समाधान किया और उन्हें सुरक्षित यात्रा करने में सहायता प्रदान की.
आयुष रक्षा किट और स्वास्थ्य शिविर
आखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) ने श्रद्धालुओं को आम बीमारियों से बचाने के लिए एक विशेष पहल शुरू की. इसके तहत 10,000 आयुष रक्षा किट वितरित की गईं, जिनमें आवश्यक आयुर्वेदिक दवाइयाँ और स्वास्थ्य उत्पाद शामिल थे. इसके साथ ही एक सप्ताह तक चलने वाला स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किया गया, जिसमें 15,000 तीर्थयात्रियों को लाभ हुआ. यह पहल मंत्रालय की निवारक और समग्र स्वास्थ्य सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
औषधीय पौधों का वितरण और हरित स्पर्श
महाकुंभ मेला के आयोजन में हरित स्पर्श जोड़ते हुए, राष्ट्रीय औषधीय पौध बोर्ड (एनएमपीबी) ने श्रद्धालुओं को 25,000 से अधिक औषधीय पौधे वितरित किए. इनमें तुलसी, अश्वगंधा, शतावरी, नीम, आंवला और करी पत्ता शामिल थे, जो प्राकृतिक उपचार को बढ़ावा देने और औषधीय पौधों के महत्व पर बल देने के लिए महत्वपूर्ण कदम थे.
आयुष मंत्रालय का समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण
महाकुंभ मेला केवल आध्यात्मिक जागृति का स्थल नहीं है, बल्कि यह उन लाखों लोगों की भलाई के लिए भी है जो इस पवित्र यात्रा पर निकलते हैं. आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं को इस भव्य आयोजन में एकीकृत करने के लिए अपना समर्पण जारी रखा, जिससे समग्र स्वास्थ्य आध्यात्मिक अनुभव का अभिन्न हिस्सा बन गया.
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