
कोलकाता : विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के उपलक्ष्य में साउथ ईस्टर्न रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल, गार्डनरीच, कोलकाता में एक व्यापक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य चिकित्सकीय कर्मियों में हाई ब्लड प्रेशर के प्रति चेतना बढ़ाना और नियमित जांच की आदत को प्रोत्साहित करना था.
डॉक्टरों और स्टाफ ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
कार्यक्रम में 75 से अधिक डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया. सभी प्रतिभागियों की जांच एक उन्नत बॉडी कंपोजीशन एनालाइज़र से की गई. इस परीक्षण में बीएमआई, शरीर में वसा, जल स्तर तथा मांसपेशीय संरचना की विस्तृत रिपोर्ट दी गई.
विशेषज्ञों ने दिए जीवनशैली सुधार के उपयोगी सुझाव
जागरूकता सत्र में वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों ने उच्च रक्तचाप के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के पहलुओं पर विचार रखे:
डॉ. बी. एन. झा (हृदय रोग विशेषज्ञ) ने सटीक और नियमित रक्तचाप मापन की आवश्यकता बताई. उन्होंने कहा, “नियंत्रित बीपी ही लंबे जीवन की कुंजी है.”
डॉ. अंजना मल्होत्रा (पीसीएमडी) ने कार्यस्थल तनाव को उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण बताते हुए नियमित जांच की अपील की.
डॉ. श्रीकुमार (मेडिकल डायरेक्टर) ने उच्च रक्तचाप को एक “साइलेंट डिज़ीज़” बताया जिसे समय रहते न पहचाना जाए तो यह शरीर के प्रमुख अंगों को नुकसान पहुँचा सकता है.
डॉ. पी. के. मजूमदार ने अनियंत्रित बीपी से जुड़ी गंभीर जटिलताओं की आशंका पर चिंता प्रकट की.
डॉ. प्रियांका मंडल ने महिलाओं में उच्च रक्तचाप के प्रभाव को रेखांकित करते हुए महिला स्वास्थ्य कर्मियों के बीच जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बताई.
डॉ. मुकता मंडल ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से अपील की कि वे दूसरों की सेवा के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें.
समापन संदेश: तनावमुक्त जीवन ही सबसे बड़ा इलाज
अंत में डॉ. ए. बेरा ने सभी को नियमित स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता समझाई और निवारक चिकित्सा को अपनाने का आग्रह किया.
कार्यक्रम का समापन डॉ. बी. एन. झा के प्रेरक संदेश के साथ हुआ:
“तनाव से दूर रहो, उच्च रक्तचाप से बचो.”
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