
चाईबासा: शुक्रवार को गुड फ्राइडे (पुण्य शुक्रवार) के अवसर पर रोमन कैथोलिक ईसाई समुदाय ने चाईबासा के संत जेवियर्स स्कूल मैदान में आस्था और भक्ति के साथ ईसा मसीह के बलिदान को स्मरण किया. यह आयोजन क्रूस यात्रा (Way of the Cross) के माध्यम से किया गया, जिसमें यहूदी सिपाहियों द्वारा ईसा को दी गई यातनाओं की झांकी प्रस्तुत की गई.
चौदह पड़ावों में याद किया गया ईसा का धैर्य और त्याग
ईसा मसीह की सूली पर चढ़ने से पूर्व की घटनाओं को चौदह पड़ावों में दर्शाया गया. हर पड़ाव पर धैर्य, त्याग और क्षमा की मिसाल बने ईसा के जीवन से प्रेरणा लेते हुए यह संदेश दिया गया कि
मानव जीवन में अपराध और बुराइयों से दूर रहकर प्रेम, क्षमा और शांति का मार्ग अपनाएं.
भजन, गीत और भक्ति की लहर
क्रूस यात्रा के दौरान पल्ली कोयर दल द्वारा संजीव कुमार बलमुचु, अमातुस तोपनो, सुनीता हेम्ब्रम गागराई, रोयलेन तोपनो और रोबिन बलमुचु के नेतृत्व में ईसा के दुखभोग पर आधारित गीतों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया. गीतों ने श्रोताओं को गहराई से ईसा के जीवन से जुड़ने का अवसर दिया.
मिस्सा पूजा में बलिदान की स्मृति
क्रूस यात्रा के उपरांत चर्च में मिस्सा पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें धर्मविधियों के माध्यम से ईसा के बलिदान को स्मरण किया गया.
पल्ली पुरोहित निकोलस केरकेट्टा ने अपने उपदेश में कहा कि मनुष्य तभी प्रगति की राह पर बढ़ सकता है जब वह अपने मन में शांति को स्थान दे और क्रोध, द्वेष, अहंकार व ईर्ष्या जैसे दोषों से मुक्त हो.
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
कार्यक्रम में फादर यूजिन एक्का, फादर अगस्टिन कुल्लु, फादर रंजीत, सिस्टर नीलिमा, सिस्टर ज्योत्स्ना, ब्रदर अनिल, आशीष बिरुवा, लियोनार्ड तोपनो, प्रहलाद बलमुचु, सिरिल सुंबरुई, सालुका देवगम, जेवियर देवगम, पुष्पा डाहंगा, जुलियाना देवगम, सामु देवगम, निस्तर देवगम, पीयूष देवगम, जॉन देवगम, बेंजामिन बोयपाई, कमला उगुरसांडी, लुसी बिरुवा, मालती सिंकू, सीमा हेम्ब्रम समेत सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष, युवा और बच्चे उपस्थित थे.
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