Bahragora: बहरागोड़ा में उपायुक्त ने किया बंबू प्लांट का निरीक्षण, बांस उद्योग को पुनर्जीवित करने के संकेत

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बहरागोड़ा:  बहरागोड़ा प्रखंड के भूतिया पंचायत अंतर्गत जुगिसोल गांव में सोमवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने वर्षों से बंद पड़े बंबू प्लांट का निरीक्षण किया. ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक रीति से उनका स्वागत किया. उन्हें आम पत्तों से बनी टोपी और माला पहनाई गई.

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने प्लांट में कार्यरत महिलाओं से बातचीत की. महिलाओं ने बताया कि उन्हें बांस के उत्पाद बनाने की प्रशिक्षण दी जा रही है. पद्मावती कालिंदी, मोगली कालिंदी सहित कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें प्रतिदिन 150 रुपये मजदूरी मिलती है और कंपनी की ओर से एक समय का भोजन भी दिया जाता है.

प्लांट के संचालक अशोक कुमार से जब उपायुक्त ने तकनीकी और कार्य संचालन से जुड़े सवाल पूछे, तो वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके. इस पर उपायुक्त ने साफ कहा कि ग्रामीणों को संगठित कर इस योजना को फिर से सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा.

उपायुक्त ने कहा कि यहां के लोगों को पहले से बांस उत्पादों का अच्छा ज्ञान है. आवश्यकता इस बात की है कि इन उत्पादों को क्षेत्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जाए और उत्पादन में गुणवत्ता तथा फिनिशिंग लाई जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी ‘क्रिटिकल गैप’ हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाएगा.

कुछ महिलाओं ने उपायुक्त के समक्ष मनरेगा मजदूरी और मैया सम्मान योजना की राशि न मिलने की शिकायत की. इस पर उपायुक्त ने कहा कि अगर योजना की राशि एक बार मिलने के बाद बंद हो गई है, तो बैंक खाता और आधार नंबर को अपडेट करवाएं. नए लाभुकों को योजना में जोड़ने में दो-तीन महीने का समय लगेगा.

वर्ष 2005 में चाकुलिया के मानुषमुड़िया में वन विभाग द्वारा झारक्राफ्ट के माध्यम से बंबू सीजनिंग प्लांट की स्थापना की गई थी. असम से विशेषज्ञ बुलाकर स्थानीय लोगों को बांस के फर्नीचर व घर निर्माण की ट्रेनिंग दी गई. शुरुआत में उत्पादन हुआ, लेकिन बाजार न मिलने के कारण लागत बढ़ती गई.

उत्पाद खुले बाजार में नहीं बिके, जिससे झारक्राफ्ट को घाटा होने लगा. 31 जुलाई 2019 से संचालन ईएसएएफ को सौंपा गया, लेकिन कुछ ही समय में प्लांट फिर बंद हो गया. कई प्रशिक्षित शिल्पकार बेरोजगार हो गए.

अब उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निरीक्षण के बाद मानुषमुड़िया क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं में उम्मीद जगी है कि बांस उद्योग को फिर से शुरू किया जाएगा.

इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी केशव भारती, अंचल अधिकारी राजा राम मुंडा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उत्पल मुर्मू, पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश सिंह और मुखिया राम मुर्मू उपस्थित थे.

 

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