डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा का किया समर्थन, भारतीयों के लिए अच्छी खबर

अमेरिका हर साल जितने H-1B वीजा जारी करता है, उनमें करीब 70% संख्या भारतीयों की होती है.

वॉशिंगटन : अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा का समर्थन किया है. यह प्रवासी भारतीय, भारतीय कंपनियों के साथ अमेरिकी फर्म्स के लिए भी अच्छी खबर है, जो बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल करती हैं. इससे कंपनियों की लागत घटती है तो भारतीयों को दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी में काम करने का अवसर मिलता है. 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ट्रंप ने H-1B वीजा पर सख्ती की बात की थी, लेकिन पद संभालने के बाद उन्होंने सिर्फ इसकी प्रक्रिया सख्त की.  इसलिए उनका इसके समर्थन में आना बड़ी बात है.

इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर प्रखंड के नागाडीह गांव पहुंची डालसा की टीम, चलाया कानूनी जागरूकता अभियान

मस्क का रुख

बेहतर करियर की तलाश में अमेरिका का रुख करने वालों के लिए H-1B वीजा सबसे बड़ी उम्मीद है.  अभी वॉशिंगटन ने इस पर कैपिंग कर रखी है.  हर साल 65 हजार लोगों को ये वीजा इशू किए जाते हैं. 2006 से अतिरिक्त 20 हजार प्रोफेशनल्स को भी यह वीजा दिया जा रहा है.  2023 में 75 लाख से ज्यादा H-1B वीजा होल्डर थे.  हालांकि अमेरिकी इंडस्ट्री में प्रोफेशनल्स की मांग को देखते हुए यह संख्या भी कम है.  यही वजह है कि ट्रंप के सहयोगी एलन मस्क ने बड़े वीजा सुधार की जरूरत बताई थी।

इसे भी पढ़ें : नए साल के आगमन पर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने चलाया चेकिंग अभियान

गलत नजरिया

अमेरिका हर साल जितने H-1B वीजा जारी करता है, उनमें करीब 70% संख्या भारतीयों की होती है. इस वजह से इससे जुड़ा कोई भी डिवेलपमेंट सबसे ज्यादा भारतीयों पर असर डालता है.  दुर्भाग्य से ट्रंप ने इस बार सत्ता में वापसी प्रवासियों के प्रति कड़े रुख के साथ की.  उन्होंने विजन रखा ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ (MAGA) और इसके लिए नौकरियों में अमेरिकियों को प्राथमिकता व अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती की बात की. चूंकि सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय हैं, तो ट्रंप के परंपरागत वोटर्स ने अपने नेता के स्टैंड को भारतीय विरोधी नजरिये में बदल दिया.

इसे भी पढ़ें : भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु

खत्म होगा विवाद

ट्रंप ने जब से श्रीराम कृष्णन को AI के लिए नीति सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है, तब से अमेरिका में कुछ लोग प्रवासी भारतीयों को लेकर गुस्से का इजहार कर रहे हैं.  सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर एक बहस छिड़ी हुई है, जिसकी दिशा भारतीय विरोधी होती जा रही है.  ट्रंप के बयान से बेकार का यह विवाद खत्म होना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : अवैध खनन के विरूद्ध चलेगा प्रशासन का डंडा, बैठक से अनुपस्थित रहने पर कारखाना निरीक्षक को शो कॉज

प्रवासियों की अहमियत

अगर प्रवासी भारतीयों या दूसरे देशों के नागरिकों को अमेरिका की जरूरत है, तो अमेरिका को भी इन प्रवासियों का सहारा चाहिए.  मस्क इस बात को समझते हैं क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में जन्म लेने वाले मस्क H-1B वीजा का लाभ ले चुके हैं. उन्हें पता है कि अमेरिका को खासतौर पर टेक्नॉलजी की दुनिया में शीर्ष पर लाने वालों में प्रवासियों की कितनी बड़ी भूमिका है.

इसे भी पढ़ें : भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव का डोबो के काजू मैदान में 31 दिसंबर का कार्यक्रम हुआ रद्द

Spread the love

Related Posts

Ayodhya: राम मंदिर पर लहराया धर्म ध्वज, PM Modi ने मैकाले की गुलामी से मुक्ति का किया आह्वान – हुए भावुक

अयोध्या:  अयोध्या के भव्य राम मंदिर में आज (25 नवंबर, 2025) एक ऐतिहासिक क्षण आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभ मुहूर्त पर मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया।…

Spread the love

Blind Women’s T-20 World Cup: भारत की बेटियों ने फिर रचा इतिहास, पहली बार ब्लाइंड विमेंस वर्ल्ड कप पर जमाया कब्जा

नई दिल्ली:  पहली बार आयोजित ब्लाइंड विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब भारत ने अपने नाम किया। भारत ने फाइनल में नेपाल को 7 विकेट से हराया। सेमीफाइनल में भी…

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *