
देवघर: हिरणा स्थित देवघर सेंट्रल स्कूल में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के अवसर पर एकल नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नन्हे प्रतिभागियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया. स्कूल परिसर उत्साह, ऊर्जा और संस्कृति के रंगों से सराबोर हो गया.
हर वर्ग की अपनी प्रतिभा
प्रतियोगिता में विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. विजेताओं का वर्गानुसार विवरण इस प्रकार है:
वर्ग नर्सरी: शाहनाज (प्रथम)
वर्ग प्रथम: आकृति (प्रथम), दीक्षा (द्वितीय)
कक्षा द्वितीय: आराध्या (प्रथम), आशीष (द्वितीय), प्रिंस (तृतीय)
कक्षा तृतीय: राघव (प्रथम)
कक्षा चतुर्थ: सपना (प्रथम), लक्ष्मी (द्वितीय), माही (तृतीय)
कक्षा पंचम: श्रद्धा राज (प्रथम), परी राज (द्वितीय)
कक्षा षष्ठ: साक्षी (प्रथम), धरा (द्वितीय), कीर्ति चंद्रवंशी (तृतीय)
प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका आकांक्षा वाजपेयी और सोनम कुमारी ने निभाई.
नृत्य से जोड़ता है आत्मा का संवाद: प्राचार्य
कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य सुबोध झा ने किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि— “नृत्य हमारी प्राचीन संस्कृति का अभिन्न अंग है. गन्धर्ववेद इसका मूल आधार है और भरत मुनि के ‘नाट्य शास्त्र’ में इसका विशद उल्लेख मिलता है. ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा ने देवताओं के अनुरोध पर नृत्य वेद की रचना की, जो त्रेता युग से ही मानव समाज में प्रचलित है.”
उन्होंने आगे कहा कि नृत्य सिर्फ अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि आत्मा और ब्रह्मांड के बीच संवाद का माध्यम है. यह आनंद का स्रोत है, भय का स्वरूप है और आशाओं की झलक है. नृत्य, योग की भांति शरीर को भी सुदृढ़ बनाता है और हमारी परंपराओं का अंग बनकर हमें जोड़ता है.
टीम वर्क से बनी सांस्कृतिक प्रस्तुति यादगार
कार्यक्रम की सफलता में सिंपी कुमारी, श्रद्धा राज, जोया सरकार और अन्य शिक्षकों व छात्रों ने विशेष भूमिका निभाई. आयोजन के संबंध में जानकारी मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार पांडेय ने दी.
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