
आयुष्मान भारत योजना की राशि से होगा मानदेय का भुगतान
स्वास्थ्य विभाग की जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक में लिए गए कई निर्णय
आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज एवं अस्पतालों के भुगतान की हुई समीक्षा
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के सरकारी अस्पतालों (पीएचसी व सीएचसी सहित) में अब निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा ली जाएगी. सेवा देने वाले चिकित्सकों के मानदेय का भुगतान आयुष्मान भारत योजना की राशि से किया जाएगा. इसका निर्णय शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक में लिया गया. कार्ययोजना पर अमल अगले वर्ष 15 जनवरी 2025 तक करने का निर्देश दिया गया. बैठक में मौजूद उपायुक्त अनन्य मित्तल ने सिविल सर्जन डॉ. शाहिर पाल को इस दिशा में कार्रवाई करते हुए प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्देश दिया. सिविल सर्जन डॉ. शाहिर पाल ने बताया कि बैठक में आयुष्मान भारत से संबद्ध जिले के अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, भुगतान एवं अन्य समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. साथ ही आठ निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम व अनुमंडल अस्पताल घाटशिला एवं सीएचसी डुमरिया में आयुष्मान योजना के तहत इलाज की समीक्षा की गई.
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गलत डोक्यूमेंट अपलोड होने के कारण आयुष्मान का भुगतान रूका
बैठक में अस्पतालों द्वारा आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के गलत डाक्यूमेंट अपलोड किए जाने पर भुगतान में आ रही समस्या पर चर्चा हुई. जिसमें अस्पताल एवं निजी नर्सिंग होम संचालकों ने बताया कि कतिपय मामलों में मानवीय भूल के कारण गलत डोक्यूमेंट अपलोड हुआ है, जिसमें सुधार किया जा रहा है. उपायुक्त ने सिविल सर्जन को जांचोपरांत एवं पुन: डॉक्यूमेंट वेरिफाई करने पर भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्देश दिया. इसके अलावे उपायुक्त ने सिविल सर्जन एवं सभी एमओआईसी के साथ आयुष्मान भारत योजना की राशि का उपयोग किए जाने एवं अस्पतालों के रखरखाव की योजना पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से जो राशि अस्पतालों को प्राप्त होती हैं, उस राशि का उपयोग सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा लेने में किया जा सकता है, ताकि लोगों को दूसरे अस्पतालों में रेफर नहीं करना पड़े. इसके लिए उन्होंने कार्य योजना बनाते हुए 15 जनवरी तक अनुमंडल अस्पताल एवं सभी सीएचसी के लिए दो-दो चिकित्सक की सेवा लेना शुरू करने की बात कही.
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सीएचसी-पीएचसी बंद रहने पर सीएचओ व एएनएम पर होगी कार्रवाई
बैठक में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से उपायुक्त ने कहा कि जिले के वरीय पदाधिकारियों के पंचायत व प्रखंड भ्रमण के दौरान प्राय: देखा जा रहा है हेल्थ सब सेंटर या तो बंद रहते हैं या खुला रहने पर सीएचओ व एएनएम अनुपस्थित पाये जाते हैं. उपायुक्त ने सभी एमओआईसी को सख्त निर्देश दिया गया कि हेल्थ सब सेंटर में सीएचओ एवं एएनएम की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं. उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर पर आम जनता को इलाज उपलब्ध हो इस उद्देश्य से हेल्थ सब सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, लोगों को उनके पंचायतों में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने में संसाधन एवं मानव बल का बेहतर उपयोग हो इसे सुनिश्चित करें. साथ ही अस्पतालों के बेहतर रखरखाव को लेकर भी उन्होने सभी एमओआईसी एवं स्वास्थ्य विभागीय जिला स्तरीय पदाधिकारी को निर्देशित किया. उन्होने कहा कि इलाज के साथ-साथ मरीजों को बेहतर वातावरण मिले चाहे वो साफ-सफाई हो या पेयजल, शौचालय, रंग-रोगन, उपकरणों का उचित रखरखाव या अन्य बुनियादी सुविधायें इसपर संवेदनशील होकर कार्य करें.
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बैठक में सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, डॉ रंजीत पांडा, सभी एमओआईसी तथा गंगा मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर, मर्सी अस्पताल, सेंट जोसेफ अस्पताल, लक्ष्मी नर्सिंग होम, साईं पॉली क्लिनिक एवं नर्सिंग होम, एएसजी आई हॉस्पिटल, पूर्णिमा नेत्रालय, सिंह नर्सिंग होम घाटशिला के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
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