
जमशेदपुर: कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने अमृतसर हेरिटेज स्ट्रीट में भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर हथौड़ा चलाने और संविधान को जलाने की कोशिश को सिखिज्म के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर का अपमान इस देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है.
अंबेडकर का योगदान
कुलविंदर सिंह ने बताया कि अंबेडकर ने समाज के वंचित वर्ग, विशेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को समाज की मुख्य धारा में लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है. उन्होंने शिक्षा, समानता और कानूनी अधिकारों के लिए संविधान में प्रावधान किए.
आरोपी की पहचान
पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया है कि हथौड़ा चलाने वाला आकाशदीप सिंह स्वयं अनुसूचित जाति से संबंधित है. कुलविंदर सिंह ने मांग की है कि पंजाब के मुख्यमंत्री को इस मामले की गहराई से जांच करवानी चाहिए और साजिशकर्ताओं को बेनकाब करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए.
सिख धर्म का मानवतावादी संदेश
कुलविंदर सिंह ने बताया कि सिखों के महान गुरु और गुरु ग्रंथ साहिब जी ने जाति, नस्ल, प्रांत और धर्म का भेदभाव छोड़कर मानवता का संदेश दिया. गुरु तेग बहादुर जी और अन्य ने बहुलवादी संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.
अंबेडकर और सिख धर्म
उन्होंने यह भी बताया कि भीमराव अंबेडकर खुद सिख धर्म को अपनाना चाहते थे. बाद में उन्होंने नागपुर में लाखों लोगों के साथ हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपनाया. कुलविंदर सिंह ने इस घटना की निंदा करते हुए हर सच्चे सिख से सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग करने की अपील की.
आरक्षण का लाभ
कुलविंदर सिंह के अनुसार, भारत के संविधान के प्रावधान के तहत सिखों का एक बड़ा हिस्सा आरक्षण का लाभ लेकर देश और दुनिया में बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा है.
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