
झाड़ग्राम: 19 मई 1961 को असम की बराक घाटी के सिलचर में बंगाली भाषा की गरिमा की रक्षा करते हुए 11 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनकी स्मृति में सोमवार को मिदनापुर क्विज सेंटर सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मिदनापुर शहर के पंचूर चौक स्थित रवींद्र प्रतिमा स्थल पर भाषा शहीद दिवस मनाया गया.
श्रद्धा सुमन और मौन श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत रवींद्रनाथ ठाकुर की प्रतिमा तथा भाषा शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई. उपस्थित लोगों ने न केवल भाषा शहीदों को, बल्कि कश्मीर में हाल के दिनों में मारे गए नागरिकों, सेना के जवानों और दिवंगत रवींद्र शोधकर्ता अनुत्तम भट्टाचार्य की स्मृति में एक मिनट का मौन रखा.
गीत, कविता और विचारों के माध्यम से अभिव्यक्ति
भाषा और मातृभाषा के प्रति प्रेम को अभिव्यक्त करने के लिए विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं.
संगीत प्रस्तुति: आलोक बरन माइती, मतुआर मल्लिक, अमितेश चौधरी और रथिन दास ने भावपूर्ण गीतों के माध्यम से शहीदों को नमन किया।
कविता पाठ: अर्नब बेरा और अनिंदिता शस्मल ने अपनी कविताओं के माध्यम से मातृभाषा के सम्मान को स्वर दिए।
परिचर्चा: रोशनार खान, विद्युत पाल, नंददुलाल भट्टाचार्य, प्रसून कुमार पोरिया सहित अनेक वक्ताओं ने भाषा आंदोलन के महत्व और मातृभाषा की रक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
समाजसेवियों और शुभचिंतकों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर क्विज सेंटर के कई शुभचिंतक और सदस्य उपस्थित थे।
शुभचिंतक: नारायण प्रसाद चौधरी, परिमल महतो, सबिता मन्ना, सुदीप चौधरी, शांतनु पंडा, राकेश दास, गोपेश रॉय और अन्य।
क्विज़ सेंटर के प्रतिनिधि: रिंकू चौधरी, गौतम बोस, अल्पना देबनाथ बोस, सुतापा बोस, सुभाष जना, सौनक साहू, शुभ्रांग्शु शेखर सामंत, मृत्युंजय सामंत, मृण्मयी भुइयां खंरा, अरुणांगशु शेखर पोरिया, अरिंदम दास, पायल पाल, शुभराज अली खान और अन्य।
रैली और विद्यासागर स्मृति मंदिर में माल्यार्पण
कार्यक्रम के अंत में रवींद्रनाथ ठाकुर की प्रतिमा के चारों ओर एक सांकेतिक जुलूस निकाला गया. इसके पश्चात क्विज सेंटर के प्रतिनिधियों ने विद्यासागर स्मृति मंदिर परिसर में स्थित कवि नजरुल इस्लाम की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया. कार्यक्रम का संचालन सुदीप कुमार खंरा ने किया, जबकि अध्यक्ष रिंकू चक्रवर्ती ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक का समापन किया।
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