West Singhbhum: मूल्य निर्धारण से लेकर उपभोक्ता व्यवहार तक, सबकुछ एक मंच पर – नोवामुंडी कॉलेज में कार्यशाला

Spread the love

पश्चिम सिंहभूम: नोवामुंडी कॉलेज के अंबेडकर हॉल में “बाजार अनुसंधान एवं उपभोक्ता व्यवहार” विषय पर एक प्रेरणादायक कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास के निर्देशन और ईडीसी सेल कॉर्डिनेटर सह वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो. राजकरण यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ.

इस कार्यशाला का मूल उद्देश्य छात्रों में स्वरोज़गार के प्रति जागरूकता पैदा करना और उन्हें पारंपरिक नौकरी की अपेक्षा उद्यमशील बनने के लिए प्रेरित करना था. वक्ताओं ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद खुद की कंपनी शुरू करना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

बाजार की मांग और प्रतिस्पर्धा पर आधारित ज्ञान आवश्यक
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास ने कहा कि आज का समय प्रतिस्पर्धा का युग है. एक किसान से लेकर एक व्यवसायी तक, हर कोई वही उत्पाद या सेवा देना चाहता है जिसकी बाज़ार में मांग अधिक हो. उन्होंने छात्रों को ‘मार्केट प्लानिंग’, ‘ग्राहक जरूरत’ और ‘उत्पाद मूल्य निर्धारण’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी. साथ ही उन्होंने छात्रों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह भी दी.

नैक कॉर्डिनेटर ने बताया मूल्य निर्धारण का गणित
कॉलेज के नैक कॉर्डिनेटर प्रो. कुलजिंदर सिंह ने छात्रों को बाजार मूल्य निर्धारण की जटिलताओं से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि एक ही वस्तु का मूल्य विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकता है. बाजार मूल्य निर्धारण स्थिर नहीं होता, यह स्थानीय मांग, आपूर्ति और आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करता है.

बाजार अनुसंधान: ग्राहक को समझने का विज्ञान
ईडीसी सेल के कॉर्डिनेटर प्रो. राजकरण यादव ने कहा कि बाजार अनुसंधान एक ऐसा उपकरण है जो उपभोक्ताओं की जरूरतों, प्राथमिकताओं और व्यवहार को समझने में मदद करता है. इससे कंपनियाँ अपने उत्पादों को अधिक प्रभावशाली बना सकती हैं और ग्राहकों की संतुष्टि सुनिश्चित कर सकती हैं. उन्होंने बताया कि ग्राहक क्या, क्यों, कब और कैसे खरीदते हैं, यह समझना व्यावसायिक सफलता की कुंजी है.

छात्रों और शिक्षकों ने साझा किए विचार
कार्यशाला में छात्र-छात्राओं — मन्तसा परवीन, प्रिया गोप, रूबी राउत और पंकज बारीक — ने भी विषय पर अपने विचार साझा किए. उनके विचारों ने कार्यशाला को अधिक जीवंत और संवादपरक बना दिया.

शिक्षकों में प्रो. परमानंद महतो, साबिद हुसैन, तन्मय मंडल, संतोष पाठक, शांति पुरती, भवानी कुमारी और सुमन चातोम्बा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही. मंच संचालन प्रो. राजकरण यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन शांति पुरती ने प्रस्तुत किया.

 

इसे भी पढ़ें : Jamshedpur Women’s University: स्मृतियों की सौगात बनी पत्रकारिता छात्राओं की विदाई, छलके जज़्बात


Spread the love

Related Posts

Adityapur: दो दिवसीय चड़क मेला आज से शुरू, मुख्य आकर्षण रोजनी फोड़ा व छऊ नृत्य

Spread the love

Spread the loveआदित्यपुर : आदित्यपुर स्थित दिंदली बस्ती का प्रसिद्ध दो दिवसीय चड़क मेला आज से शुरू हो रही है इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. प्रत्येक वर्ष की…


Spread the love

Potka : झारखंड साहित्य संस्कृति परिषद की बैठक माताजी आश्रम में 29 जून को

Spread the love

Spread the love  पोटका:  झारखंड प्रभा का 17 वां अंक का प्रकाशन झारखंड साहित्य संस्कृति परिषद द्वारा किया गया । इस सिलसिले में पत्रिका को अंतिम रूप देने के लिए…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *