
नई दिल्ली: अंततः 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाया गया. अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद वह गुरुवार देर शाम दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा. एनआईए और एनएसजी अधिकारियों की सुरक्षा में उसे विशेष विमान गल्फस्ट्रीम जी550 से लाया गया. उतरते ही उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया और मेडिकल परीक्षण के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने एनआईए को उसकी 18 दिन की रिमांड दी. हालांकि, एनआईए ने 20 दिन की हिरासत की मांग की थी.
एनआईए मुख्यालय में पहली रात
राणा की पहली रात एनआईए के दिल्ली स्थित मुख्यालय की विशेष सेल में कटी. आज सुबह से एनआईए की वरिष्ठ अधिकारियों की टीम उससे पूछताछ शुरू करेगी. विशेष एजेंसी का मकसद 2008 के उस भीषण हमले की गहराई से परतें खोलना है, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी और 238 से अधिक घायल हुए थे.
तकनीकी साक्ष्य और ईमेल होंगे जांच के केंद्र में
एनआईए ने कोर्ट में राणा की हिरासत को उचित ठहराने के लिए उसके द्वारा भेजे गए ईमेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य प्रस्तुत किए. एजेंसी का दावा है कि राणा की भूमिका हमले की साजिश में अहम थी, और उससे पूछताछ में कई अनसुलझे पहलुओं का खुलासा हो सकता है.
तीन आईपीएस अधिकारियों की अहम भूमिका
राणा के प्रत्यर्पण मिशन को सफल बनाने में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की प्रमुख भूमिका रही. इनमें झारखंड कैडर के आशीष बत्रा (1997 बैच), छत्तीसगढ़ कैडर के प्रभात कुमार और झारखंड कैडर की महिला अधिकारी जया रॉय शामिल थीं. इन अधिकारियों की निगरानी में राणा को अमेरिका से भारत लाया गया.
US declaring Tahawwur Rana innocent in Mumbai attack has disgraced the sovereignty of India & it is a “major foreign policy setback”
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2011
मोदी का पुराना ट्वीट फिर सुर्खियों में
राणा के प्रत्यर्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2011 का एक पुराना ट्वीट वायरल हो गया है. उस समय अमेरिका ने राणा को मुंबई हमलों से मुक्त किया था. मोदी ने तब इसे भारत की विदेश नीति की विफलता बताया था. अब, जब राणा भारत लाया गया है, तो कई सोशल मीडिया यूजर्स इसका श्रेय मोदी को दे रहे हैं.
कांग्रेस-एनडीए के बीच श्रेय की लड़ाई
तहव्वुर राणा के भारत लाने के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. कांग्रेस ने दावा किया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया यूपीए सरकार के समय शुरू हुई थी और वर्तमान सरकार सिर्फ उसी प्रयास का परिणाम भुना रही है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने इसे मोदी सरकार की कूटनीति की बड़ी सफलता बताया. शाह ने कहा कि जो भारत की जमीन और सम्मान पर हमला करेगा, उसे न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा.
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