Deoghar: तीन दिवसीय 26 वां साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर शुरू, पुरी के शंकराचार्य हुए शामिल

Spread the love

 

 तीन दिनों तक देवघर में रहेंगे शंकराचार्य.

देवघर : तीन दिवसीय 26 वां साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर शुक्रवार से डाबरग्राम के मैहर गार्डेन में शुरू हो गया। इसमें पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भाग ले रहे हैं। तीन दिनों तक देवघर में उनका प्रवास रहेगा। कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया। पहले सत्र में साधना हुई, जबकि दूसरे सत्र में राष्ट्र रक्षा के संबंध में शंकराचार्य का संबोधन हुआ। शंकराचार्य से जुड़े उनके शिष्य और अनुयायी इस शिविर के माध्यम से खुद को राष्ट्र रक्षा के लिए तैयार करेंगे। राष्ट्र को आगे बढ़ाने में शिष्य और अनुयायियों की क्या भूमिका होगी, इस बारे में शंकराचार्य का संबोधन होगा।

शंकराचार्य ने प्रश्नों का उत्तर दिया

साधना शिविर में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, बिहार-झारखंड एवं बंगाल समेत पूरे देश से पीठ परिषद, धर्म संघ, आदित्य वाहिनी, आनंद वाहिनी समेत शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के देश-विदेश में फैले अनुयायी और शिष्य भाग ले रहे हैं। शिविर में शंकराचार्य जी का आशिर्वाद प्राप्त करने और उनकी एक झलक पाने के लिए अनुयायी, शिष्य और आम लोग काफी उत्साहित दिखे। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का प्रवचन हुआ। इसके बाद भक्तों के द्वारा पूछे गए धर्म से सम्बन्धित प्रश्नों का भी उन्होंने उत्तर दिए।

प्रवचन से लाभान्वित हुए

शंकराचार्य के साथ मंच पर उनके निजी सचिव स्वामी निर्विकल्पानंद, प्रफुल ब्रह्मचारी महाराज एवं ऋषिकेष महाराज उपस्थित थे। शिविर में मौजूद प्रमुख अनुयायियों में सीमा तिवारी, सुधा शर्मा, मूलचंद राठी, देवाशीष गोस्वामी, चंद्र प्रकाश जंडियाल, सुशील ठाकुर, शम्भू नाथ झा, सुनील मिश्रा शामिल हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में आनंद वाहिनी की पश्चिम बंगाल एवं बिहार की अध्यक्ष निभा प्रकाश अपनी टीम के साथ जुटी हुई है। उनको कार्तिकनाथ ठाकुर, सहदेव पोद्दार, शिवाशीष चौहान भी सहयोग कर रहे हैं। निभा प्रकाश ने बताया कि प्रथम सत्र (सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक) में आम लोगों ने भी शंकराचार्य के दर्शन किए और उनके प्रवचन से लाभान्वित हुए।

इसे भी पढ़ें : Passport: पासपोर्ट में जीवनसाथी का नाम जुड़वाना अब हुआ आसान, नहीं पड़ेगी मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत


Spread the love

Related Posts

South Eastern Railway: दक्षिण पूर्वी रेलवे की ऐतिहासिक परियोजना – पर्वतीय क्षेत्र में रेल निर्माण को बनाया संभव, ऋषिकेश से कर्णप्रयाग का सफर अब दो घंटे में

Spread the love

Spread the loveनई दिल्ली: भारतीय रेल ने उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों और पर्यटन को एक नई दिशा देने वाली परियोजना में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव…


Spread the love

Chaibasa: ईसा मसीह के बलिदान की झांकी, चाईबासा में Good Friday पर उमड़ा जनसैलाब

Spread the love

Spread the loveचाईबासा: शुक्रवार को गुड फ्राइडे (पुण्य शुक्रवार) के अवसर पर रोमन कैथोलिक ईसाई समुदाय ने चाईबासा के संत जेवियर्स स्कूल मैदान में आस्था और भक्ति के साथ ईसा…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *