
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट को लेकर की गई टिप्पणी अब कानूनी मोड़ ले चुकी है. पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक आपराधिक अवमानना याचिका दायर की है.
अदालत को ठहराया गृह युद्ध का जिम्मेदार!
अमिताभ ठाकुर ने याचिका में कहा कि डॉ. दुबे ने 19 अप्रैल को एक मीडिया इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश के संबंध में कुछ गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने यह दावा किया कि डॉ. दुबे ने अपने बयान में न्यायपालिका और विशेषकर भारत के मुख्य न्यायाधीश को देश के सभी गृह युद्धों और धार्मिक संघर्षों के लिए जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ टिप्पणियाँ भले ही एकेडमिक चर्चा जैसी लगें, लेकिन कई कथन सीधे तौर पर सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले और स्पष्ट रूप से अवमानना की श्रेणी में आते हैं.
सुप्रीम कोर्ट से की गई विधिक कार्रवाई की मांग
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट से मांग की है कि वह ‘कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट एक्ट’ के अंतर्गत भाजपा सांसद के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करे. उनका कहना है कि ऐसे बयान देश की संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाते हैं.
भाजपा ने बयान से बनाई दूरी
डॉ. निशिकांत दुबे के अलावा भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट को लेकर टिप्पणी की. दोनों सांसदों के बयान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तत्काल प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इन बयानों से स्पष्ट रूप से असहमति जताई.
जेपी नड्डा ने कहा, “न्यायपालिका और मुख्य न्यायाधीश को लेकर भाजपा सांसदों द्वारा दिए गए बयान उनकी व्यक्तिगत राय है. भारतीय जनता पार्टी का इनसे कोई लेना-देना नहीं है. पार्टी न तो इन बयानों से सहमत है और न ही कभी उनका समर्थन करती है. भाजपा ऐसे वक्तव्यों को पूरी तरह खारिज करती है.”
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