Saraikela: त्रिपक्षीय बैठक में नहीं पहुंचे दोनों पक्षों के परिजन, भयवित ग्रामीणों का पलायन जारी

Spread the love

सरायकेला: नीमडीह थाना क्षेत्र, झिमड़ी गांव में शनिवार को हुई विशेष समुदाय के बीच हिंसक घटना के बाद मंगलवार को झिमड़ी पंचायत भवन में त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया। इस बैठक में प्रशासन, दो समुदायों के प्रतिनिधि, और स्थानीय ग्रामीणों के बीच बातचीत की गई, लेकिन युवती की मां और युवक के पिता बैठक में शामिल नहीं हुए, जिससे कई सवाल खड़े हो गए।

डर के कारण सैकड़ों ग्रामीणों का पलायन
ग्रामीणों ने बताया कि बैठक के दौरान भय के कारण कई पुरुषों ने गांव छोड़ दिया और कुछ महिलाएं बैठक में उपस्थित रहीं। ग्रामीण राकिब साईं ने कहा, “हमलोग उस युवक को मुस्लिम समुदाय से बाहर कर देते हैं, और उसकी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। उसे इतनी सजा मिलनी चाहिए कि वह कभी जमानत पर न बाहर आ सके।” उन्होंने यह भी बताया कि युवक का परिवार गया जिले से आकर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बसा था।

प्रशासन की ओर से समझाइश
नीमडीह बीडीओ कुमार अभिनव ने बैठक में कहा कि वर्तमान में युवती पुलिस सुरक्षा में है, लेकिन जल्द ही उसे उसके परिवार के पास भेजा जाएगा। उन्होंने कहा, “बैठक का उद्देश्य यह है कि हम सब मिलकर बच्ची को उसके परिवार के पास वापस लाएं और उसका समर्थन करें।”

थाना प्रभारी ने शांति की अपील की
झिमड़ी थाना प्रभारी संतन कुमार ने कहा कि रामनवमी जैसे पर्व को झिमड़ी गांव में शांति और भाईचारे के साथ पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो हो चुका है, उसे वहीं समाप्त करना होगा और अब हमें पुनः उस जगह से शुरुआत करनी होगी, जहां से हमने शुरुआत की थी।

ग्रामीणों का प्रशासन पर आरोप
बैठक में मुखिया ने भी अपना बयान दिया और कहा कि अगर किसी को कोई असुविधा है, तो वह उसे दूर करने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुड़मी नेता जयराम महतो पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचे और लोकसभा और विधानसभा चुनावों के समय जो नेता दहाड़ रहे थे, वे अब उनसे मिलकर स्थिति को सुधारने के लिए सामने नहीं आए।

सवाल उठाए गए बाबर खान की बैठक पर
ग्रामीणों ने यह सवाल उठाया कि झिमड़ी गांव में हुई बैठक में बाबर खान के शामिल होने के बावजूद कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि धारा 163 के तहत एक जगह पर पांच से अधिक लोग इकट्ठा होने पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन बाबर खान की बैठक पर कोई पाबंदी क्यों नहीं लगाई गई? ग्रामीणों का आरोप था कि प्रशासन हिंदू समुदाय को दबाने का काम कर रहा है।

प्रशासनिक अधिकारी रहे उपस्थित
इस बैठक में नीमडीह थाना प्रभारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, चौका थाना प्रभारी, सर्किल अफसर, डीएसपी पूजा कुमारी और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इसे भी पढ़ें :

Saraikela: धर्म परिवर्तन और निकाह विवाद में पुलिस ने की कड़ी कार्रवाई, पांच महिला समेत 8 हिरासत में

Spread the love

Related Posts

Jamshedpur: BDO की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले पंचायत सचिव को दी गई श्रद्धांजलि, कर्मचारियों में आक्रोश

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर: गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड में पदस्थापित पंचायत सचिव सुखलाल महतो की दर्दनाक मृत्यु की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस घटना को लेकर…


Spread the love

Jamshedpur: जनजातीय गाँवों तक पहुँचा धरती आबा अभियान, 24 नये ग्राम स्तरीय शिविरों में उमड़ा लोगों का भरोसा

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर: धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी 11 प्रखंडों के जनजातीय बहुल गांवों में 24 नये ग्राम स्तरीय शिविरों का आयोजन किया गया।…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *