
देवघर: श्रावण मास की अंतिम सोमवारी पर देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। मंदिर की ओर बढ़ती कांवरियों की कतार नंदन पहाड़ पार कर करीब 5 किलोमीटर तक फैल गई। दुम्मा से लेकर जसीडीह और देवघर तक सड़कें गेरुआ रंग से सराबोर हो गईं, हर ओर “बोल बम” की गूंज सुनाई दी।
पिछली तीन सोमवारी की तुलना में इस बार भीड़ थोड़ी कम रही, लेकिन अनुमान है कि करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने अंतिम सोमवारी पर बाबा को जल अर्पित किया। रविवार रात से ही कांवरियों की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं।
अरघा प्रणाली से राहत
भक्तों को जलार्पण में इस बार विशेष सुविधा मिली, क्योंकि बाह्य अरघा की व्यवस्था के कारण सुगमता से पूजा हो सकी। इससे अधिक भक्तों के जल अर्पण करने की संभावना जताई जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
जिला प्रशासन पूरी रात सक्रिय रहा। डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग अपनी टीम के साथ रात में ही रूट लाइन और मंदिर परिसर में मुस्तैद नजर आए।
सुबह 3:15 बजे मंदिर का पट खुला और सबसे पहले कांचा जल से पूजा की गई। इसके बाद सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा ने विधिवत बाबा की पूजा संपन्न कराई। आम भक्तों के लिए 4:15 बजे से कपाट खोल दिए गए।
खास बातें
सोमवारी होने के कारण ‘शीघ्र दर्शनम्’ सुविधा बंद रही।
राज्य सरकार ने पहले ही VIP, VVIP और आउट ऑफ टर्न दर्शन पर रोक लगा दी थी।
पहली बार AI तकनीक का इस्तेमाल कर कांवरियों की सुविधा को बेहतर बनाया गया।
श्रावणी मेले की इस अंतिम सोमवारी पर श्रद्धा, अनुशासन और तकनीक का अद्भुत संगम देखने को मिला। बाबा धाम एक बार फिर भक्ति की ऊर्जा से भर उठा।
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