नई दिल्ली: 20वीं G20 समिट के पहले दिन शनिवार को सदस्य देशों ने साउथ अफ्रीका द्वारा तैयार घोषणापत्र को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। यह मंजूरी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बॉयकॉट के बावजूद हुई। साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि अंतिम बयान पर सभी देशों की सहमति ज़रूरी थी, भले ही अमेरिका शामिल न हुआ हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने 2026 की मेजबानी लेने की इच्छा जताई थी, लेकिन साउथ अफ्रीका ने इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया।
गवेल सेरेमनी में परंपरा टूटी, खाली कुर्सी को सौंपी अध्यक्षता
आम तौर पर पिछले मेजबान देश का प्रमुख (इस बार अमेरिका) औपचारिक रूप से अध्यक्षता का प्रतीक ‘गवेल’ अगले देश को सौंपता है। लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प के न आने के कारण रामफोसा ने इस बार ‘खाली कुर्सी’ को गवेल सौंपने का फैसला लिया। इसे G20 के इतिहास में अभूतपूर्व स्थिति माना जा रहा है।
पहले दिन ही घोषणापत्र पास—दूसरी परंपरा भी टूटी
आमतौर पर घोषणापत्र समिट के आखिरी दिन जारी होता है, लेकिन इस बार सभी देशों ने इसे पहले ही दिन पास कर दिया। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह भी एक ऐतिहासिक बदलाव है।
मोदी–रामफोसा की द्विपक्षीय मुलाकात
G20 सत्रों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने टेक्नोलॉजी, स्किल डेवलपमेंट, ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, कल्चर और रेयर अर्थ मेटल पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मोदी ने G20 की सफल अध्यक्षता के लिए रामफोसा को बधाई भी दी।
IBSA मीटिंग—मोदी बोले: वैश्विक संस्थानों में सुधार अब अनिवार्य
भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की IBSA बैठक में पीएम मोदी ने चार मुख्य बातें कही—
1. वैश्विक संस्थानों में सुधार जरूरी
संयुक्त राष्ट्र जैसे संस्थान अब 21वीं सदी की वास्तविकताओं से दूर हो चुके हैं। इनके सुधार की ज़रूरत है।
2. आतंकवाद पर एकजुट लड़ाई
तीनों देशों को बिना किसी दोहरे मापदंड के आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाना होगा।
3. IBSA डिजिटल इनोवेशन एलायंस
मानव-केंद्रित तकनीक के लिए नए डिजिटल प्लेटफॉर्म की जरूरत है।
4. क्लाइमेट-रेजिलिएंट एग्रीकल्चर फंड
खाद्य सुरक्षा और जलवायु प्रभावित कृषि को मजबूती देने की योजना।
AI और डीपफेक पर वैश्विक पाबंदी की मांग
तीसरे सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने AI के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दुनिया को मॉनिटरिंग, सुरक्षा और पारदर्शिता पर आधारित ग्लोबल AI कॉम्पैक्ट बनाना चाहिए। मोदी ने डीपफेक, अपराध और आतंकवाद में AI के उपयोग पर कड़ी रोक लगाने की अपील की।
पुराने डेवलपमेंट मॉडल को बदलने की जरूरत
मोदी ने कहा कि पुराने विकास मॉडल ने संसाधनों का दोहन बढ़ाया और बड़ी आबादी को पीछे छोड़ा।
इसका सबसे ज्यादा असर अफ्रीकी देशों ने झेला है। उन्होंने तीन नई पहलें भी प्रस्तावित कीं—
वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार
अफ्रीका स्किल इनिशिएटिव
ड्रग–टेरर नेक्सस के खिलाफ संयुक्त पहल
महिलाओं पर हिंसा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित
G20 से पहले साउथ अफ्रीका में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हुए। जोहान्सबर्ग, केप टाउन और प्रिटोरिया समेत 15 शहरों में महिलाएं काले कपड़े पहनकर सड़क पर उतरीं। लगातार विरोध के बाद सरकार ने महिलाओं पर अत्याचार को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने 15 मिनट जमीन पर लेटकर विरोध जताया—क्योंकि देश में हर दिन औसतन 15 महिलाओं की हत्या हो जाती है।
G20 विरोध में व्याप्त असंतोष
महिला हिंसा, जलवायु संकट, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता के मुद्दों को लेकर कई समूहों ने G20 के खिलाफ समानांतर समिट और मार्च का आयोजन किया। एंटी-इमिग्रेशन समूह और व्हाइट माइनॉरिटी यूनियन भी विरोध में शामिल हुए।
G20 की पृष्ठभूमि
G20 की शुरुआत 1999 में एशियाई आर्थिक संकट के बाद हुई। शुरुआत में यह सिर्फ वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नरों का मंच था।
2008 से इसे वर्ल्ड लीडर्स समिट का दर्जा मिला। आज G20 में अमीर और विकासशील दोनों तरह की अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।