
अहमदाबाद: गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान टेक ऑफ के कुछ मिनटों के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में 242 लोगों की जान को खतरा उत्पन्न हो गया, जिसमें से अब तक 125 से अधिक लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. विमान ने दोपहर 1:38 पर उड़ान भरी थी और मात्र पांच मिनट बाद वह रिहायशी इलाके में जा गिरा.
पायलट ने दी ‘Mayday’ कॉल: क्या पहले से था संकट का अंदेशा?
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, उड़ान भरते ही पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को ‘Mayday’ सिग्नल भेजा. लेकिन इसके बाद विमान से कोई उत्तर नहीं मिला. यह सिग्नल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर संकट के समय भेजा जाता है. ‘Mayday’ शब्द फ्रेंच के “m’aider” से लिया गया है, जिसका अर्थ है — मेरी मदद करो.
पायलट द्वारा “Mayday, Mayday, Mayday” कहने का अर्थ होता है कि विमान अत्यंत संकट में है और तुरंत सहायता की आवश्यकता है. इस सिग्नल का उपयोग केवल तब किया जाता है जब:
- इंजन या तकनीकी प्रणाली पूरी तरह फेल हो जाए.
- खराब मौसम में नियंत्रण न बचे.
- मेडिकल इमरजेंसी उत्पन्न हो.
- विमान किसी अन्य बड़ी परेशानी से जूझ रहा हो.
ब्लैक बॉक्स: हादसे के पीछे की सच्चाई को खोलेगा?
दुर्घटना के बाद NDRF और BSF की टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं. फिलहाल विमान के ब्लैक बॉक्स की खोज की जा रही है, जिससे दुर्घटना के पीछे की असली वजह सामने आ सके.
ब्लैक बॉक्स में दो अहम यंत्र होते हैं:
FDR (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर): इससे विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, दिशा आदि दर्ज होती है.
CVR (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर): पायलट और को-पायलट के बीच की बातचीत और अन्य जरूरी ऑडियो रिकॉर्ड करता है.
इन रिकॉर्ड्स के विश्लेषण से यह स्पष्ट हो सकेगा कि दुर्घटना तकनीकी गड़बड़ी का नतीजा थी या मानवीय त्रुटि की.
सवाल बाकी हैं… जवाब ब्लैक बॉक्स देगा
फिलहाल राहत और बचाव कार्य तेज गति से चल रहा है. दुर्घटना से जुड़ी पूरी सच्चाई ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद ही सामने आ सकेगी. यह जांच न केवल वर्तमान हादसे की तह तक जाएगी बल्कि भविष्य की उड़ानों के लिए भी सबक बन सकती है.
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