ढाका: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले पर इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश आज फैसला सुनाने जा रहा है। इस केस में मौत की सजा की मांग की गई है। अगर फैसला उनके खिलाफ आता है, तो देश में बड़े पैमाने पर हिंसा फैलने की आशंका जताई जा रही है।
सुरक्षा कड़ी, सख्त पुलिस निर्देश
इसी बीच, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने देशभर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। ढाका पुलिस कमिश्नर शेख मोहम्मद सज्जात अली ने पुलिसकर्मियों को आदेश दिया है कि अगर कोई बसों को आग लगाने या क्रूड बम फेंकने की कोशिश करे, तो उन पर गोली चलाई जाए।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं और गश्त-टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। ध्यान देने वाली बात है कि पिछले हफ्ते में लगभग 40 आगजनी की घटनाएं और कई बम विस्फोट हुए थे, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी।
सैन्य और बॉर्डर गार्ड्स की तैनाती
देश में बॉर्डर गार्ड्स (बीजीबी), रैपिड एक्शन ब्रिगेड (आरएबी) और सेना के जवान प्रमुख चोक प्वाइंट्स पर तैनात किए गए हैं। पुलिस ने यह कदम दंड संहिता की धारा 96 के तहत निजी रक्षा का हवाला देते हुए कानूनी तौर पर सही ठहराया है। हालांकि, मानवाधिकार समूहों ने पहले के दुरुपयोगों का हवाला देते हुए इस आदेश को लेकर चिंता जताई है।
फैसले के दिन शेख हसीना की पार्टी, आवामी लीग, ने पूरे देश में बांग्लादेश बंद का आह्वान किया है। पार्टी का दावा है कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप राजनीतिक प्रेरित हैं।