
पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने गुवा कार्यालय में एक अहम बैठक की। बैठक की अध्यक्षता यूनियन के महामंत्री अंतर्यामी महाकुंड ने की। इसमें दर्जनों मजदूरों ने हिस्सा लिया और अपने अधिकारों व समस्याओं को लेकर खुलकर आवाज उठाई।
जिन मुद्दों पर उठी आवाज
बैठक में जिन मुख्य समस्याओं पर चर्चा हुई, उनमें शामिल हैं:
ठेका और सप्लाई मजदूरों का अपग्रेडेशन
गुवा अस्पताल की खस्ताहाल चिकित्सा व्यवस्था
बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली का विरोध
प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार
विस्थापन से पहले आवास की गारंटी
खदान क्षेत्र की टूटी-फूटी सड़कों की मरम्मत
मजदूरों का कहना है कि गुवा माइंस प्रबंधन उनके हितों की लगातार अनदेखी कर रहा है, जबकि वे ईमानदारी से काम कर रहे हैं।
रामा पांडे की फोन पर चेतावनी
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे, जो फिलहाल जिला बदर की सजा भुगत रहे हैं, ने फोन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा “गुवा प्रबंधन ने हाल में करीब 200 मजदूरों को अपग्रेड किया है, यह सराहनीय है, लेकिन अभी भी सैकड़ों योग्य मजदूर उपेक्षित हैं। यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि सेल प्रबंधन ने 500 लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, जो अब तक अधूरा है। विस्थापितों को सूची में शामिल करने की मांग को भी उन्होंने दोहराया।
बायोमेट्रिक हाजिरी पर विरोध
रामा पांडे ने बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली को लेकर तीखी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे मजदूरों के आत्मसम्मान के खिलाफ बताया और कहा “यह सिस्टम मजदूरों पर अविश्वास की नीति दिखाता है। जब तक इसे हटाया नहीं जाता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
सांसद जोबा माझी और शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि
रामा पांडे ने सांसद जोबा माझी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में हर विस्थापित को न्याय मिलेगा।
इसके साथ ही उन्होंने झारखंड आंदोलन के पुरोधा शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा “झारखंड ने अपना मसीहा खो दिया है। शिबू सोरेन ने हमें अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया।”
संघ ने प्रबंधन और सरकार को साफ चेतावनी दी है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुईं, तो चरणबद्ध आंदोलन होगा। बैठक में तय किया गया कि अगली तिथि तक समाधान नहीं निकला, तो संघर्ष और उग्र रूप लेगा।
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