Chaibasa: भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ का त्रैवार्षिक अधिवेशन, उठे वेतन, पेंशन और महिला सशक्तिकरण के स्वर

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चाईबासा: भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ (बीएमएस) का 17वां त्रैवार्षिक अधिवेशन 27-28 अप्रैल 2025 को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित वायजाग इस्पात संयंत्र के उक्कुनगरम परिसर में अत्यंत गरिमापूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ. अधिवेशन की अध्यक्षता महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष कोम्मिनी श्रीनिवास राव ने की.इस अधिवेशन की एक प्रमुख विशेषता यह रही कि बीएमएस की औद्योगिक इकाई की केंद्रीय कार्यकारिणी में पहली बार खनन क्षेत्र से आए मजदूरों को प्रमुखता मिली. इससे संगठन के अंदर जमीनी श्रमिकों की भागीदारी को बल मिला है.

 

 

दीप प्रज्वलन से हुआ अधिवेशन का शुभारंभ
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय सह संघचालक दुसी रामकृष्ण राव ने दीप प्रज्वलन कर अधिवेशन का उद्घाटन किया. मंच पर गणेश मिश्रा (सह संगठन मंत्री), माला जगदीश्वर राव (उपाध्यक्ष), देवेंद्र कुमार पांडेय (कार्यसमिति सदस्य एवं उद्योग प्रभारी) तथा एम.वी.एस. नायडू (आंध्र प्रदेश महामंत्री) सहित शीर्ष पदाधिकारी उपस्थित रहे.

 

अध्यक्षीय व मुख्य भाषणों में संगठन की दिशा पर मंथन
कोम्मिनी श्रीनिवास राव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बीएमएस की तीन वर्षों की उपलब्धियों का विवरण देते हुए इसे राष्ट्रीय श्रमिक आंदोलन की अग्रणी संस्था बताया. गणेश मिश्रा ने संगठन के सात्विक उद्देश्य व भारत केंद्रित विचारधारा पर विस्तृत प्रकाश डाला. उन्होंने विदेशी सोच से दूर भारतीय मूल्यों पर आधारित श्रमनीति अपनाने की आवश्यकता बताई.
मुख्य अतिथि दुसी रामकृष्ण राव ने ‘पंच परिवर्तन’ की संकल्पना प्रस्तुत करते हुए भारतीय जीवनशैली, स्वदेशी व्यवहार और पारिवारिक मूल्यों की महत्ता रेखांकित की.

 

प्रस्ताव, रिपोर्ट व सत्रों की गूंज
महासचिव ने तीन वर्ष के कार्यों की रिपोर्ट रखी, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया. संतोष कुमार पंडा ने वित्तीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. मजदूरों से जुड़े चार प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए:

इस्पात कर्मचारियों के अधूरे वेतन समझौते को पूर्ण करने की मांग

न्यूनतम पेंशन ₹5,000 निर्धारित करने की मांग

ग्रेच्युटी सीमा समाप्त कर राहत देने की मांग

ठेका श्रमिकों के लिए ESIC वेतन सीमा में वृद्धि की मांग

चतुर्थ सत्र में सरकारी और प्रबंधकीय नीतियों से प्रभावित कर्मचारियों की समस्याओं पर विमर्श हुआ. पंचम सत्र में माला जगदीश्वर राव ने पेंशन योजना PS-95 पर प्रकाश डाला. छठे सत्र में महिला सशक्तिकरण पर गणेश मिश्रा ने महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका व चुनौतियों पर सारगर्भित वक्तव्य दिए.

 

संगठनात्मक मजबूती और नई कार्यकारिणी
सातवें सत्र में 20 प्रतिनिधियों के सुझावों के साथ सांगठनिक मजबूती पर चर्चा हुई. आठवें सत्र में पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी का गठन किया गया. ललित सुन्दर जेना द्वारा प्रस्तावित और जे रमन्ना द्वारा समर्थित 13 पदाधिकारी और 20 सदस्यीय समिति का गठन सर्वसम्मति से हुआ.

 

70वीं वर्षगांठ पर आर्थिक योगदान व समापन
बीएमएस की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर अध्यक्ष श्रीनिवास राव और कोषाध्यक्ष संतोष पंडा ने ₹2,50,000 का चेक संगठन को समर्पित किया. समापन सत्र में देवेंद्र कुमार पंडा ने सभी यूनियनों से आगामी तीन वर्षों की ठोस कार्य योजना बनाने का आह्वान किया. ध्वजारोहण और नव-निर्वाचित अध्यक्ष के धन्यवाद ज्ञापन के साथ अधिवेशन की औपचारिक समाप्ति हुई.

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