
गुवा: गुवा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी के खिलाफ अब आवाज़ तेज़ हो रही है. नोवामुंडी प्रखंड के गुवा पश्चिमी पंचायत भवन में बाल अधिकार सुरक्षा मंच की अगुवाई में सैकड़ों महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया है, जिसके तहत हजारों पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे जा रहे हैं.
यह अभियान गुवा डाकघर के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. बाल अधिकार मंच की पदाधिकारी पदमा केसरी ने बताया कि पूरे जिले से 50 हजार पोस्टकार्ड भेजने का लक्ष्य रखा गया है. हर पोस्टकार्ड में बच्चों की शिक्षा से जुड़ी समस्याएं, स्कूलों की बदहाली और ज़मीनी स्तर की वास्तविकताएं दर्ज की गई हैं.
उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत जो सुविधाएं हर बच्चे को मिलनी चाहिए, वे कागज़ों से बाहर निकलकर धरातल पर नहीं दिखतीं. गुवा और आसपास के इलाकों में संचालित 50 से ज्यादा स्कूलों में कहीं एक ही शिक्षक पर पूरा स्कूल निर्भर है, तो कहीं बिल्डिंग ही जर्जर हालत में है.
स्कूलों में कक्षाएं चल रही हैं लेकिन न शौचालय हैं, न पीने का पानी, न पुस्तकालय, न खेल का मैदान. कई बच्चों के पास आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र या कोई अन्य पहचान पत्र नहीं है, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति, दाखिला, और सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा.
पदमा केसरी ने बताया कि आदिवासी इलाकों में भाषावार शिक्षकों की भी बेहद कमी है, जिससे बच्चे अपनी मातृभाषा में ठीक से नहीं पढ़ पा रहे हैं. पलायन, बाल मजदूरी और बाल विवाह जैसी समस्याएं भी इस बदहाली की वजह से बढ़ रही हैं.
बाल अधिकार सुरक्षा मंच ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया और ज़मीनी स्तर पर बदलाव नहीं लाया गया, तो यह अभियान और तेज़ होगा. हर सप्ताह बच्चों की आवाज़ पोस्टकार्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी, जब तक कि बदलाव दिखने न लगे.
इस मौके पर मंच की सदस्य ममता देवी, पूर्वी पंचायत की मुखिया चांदमनी लागुरी, जेएसएलपीएस की जेंडर सीआरपी गीता देवी, शंकर दास, मंजुला देवी, शत्रुघ्न केली, सावित्री हेस्सा, कमला तियू, जोनो टोप्पो, गणेश चातोम्बा, सावन गोप, नेहा सिंह, नंदिनी करुवा समेत कई लोग मौजूद थे.
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