
चांडिल: सरायकेला-खरसांवा जिले को जोड़ने वाले मुख्य राज्य मार्ग पर चांडिल से कांड्रा गोलचक्कर तक की सड़क और मानिकुई स्थित सुवर्णरेखा नदी पर बना पुल पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण के बावजूद, सड़कें कुछ ही समय में उखड़ गईं. पुल-पुलियों में दरारें पड़ चुकी हैं और कई जगहों पर ढलाई की छड़ तक बाहर आ गई है.
जीवनदायिनी सड़कें बनीं जानलेवा रास्ता
जगह-जगह बने गहरे गड्ढे वाहन चालकों के लिए जानलेवा बन चुके हैं. राहगीरों को जान हथेली पर रखकर चलना पड़ता है. विशेषकर रात के समय दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. स्थानीय लोग भय और आक्रोश की स्थिति में हैं.
अनियमितता की शिकायतों पर भी कार्रवाई नहीं
स्थानीय नागरिकों ने निर्माण कार्य में भारी अनियमितताओं की शिकायत तत्कालीन उपायुक्त से की थी. उपायुक्त द्वारा जांच के निर्देश भी दिए गए, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी कोई समाधान सामने नहीं आया. निर्माण एजेंसियों की लापरवाही और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं.
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