
पश्चिम सिंहभूम: सेल की गुवा आयरन ओर खदान में वर्षों से संघर्ष कर रहे ठेका मजदूरों के लिए 5 जून 2025 एक ऐतिहासिक दिन बन गया. झारखंड मजदूर संघर्ष संघ द्वारा लंबे समय से उठाई जा रही ‘समान काम के लिए समान वेतन’ की मांग को आखिरकार कंपनी प्रबंधन ने स्वीकार कर लिया है.
सीजीएम कमल भास्कर की पहल पर यह घोषणा की गई. यूनियन कार्यालय में आयोजित बैठक में संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष रामा पाण्डेय ने मजदूरों को यह खुशखबरी दी. उन्होंने इसे श्रमिक सम्मान की बहाली और ऐतिहासिक सामाजिक न्याय का कदम बताया.
रामा पाण्डेय ने बताया कि जो ठेका मजदूर सेल के आवासों में अस्थायी रूप से रह रहे हैं, उनके लिए अब प्रबंधन ने वैध आवंटन पर सहमति जता दी है. इससे मजदूरों को स्थायित्व मिलेगा और अस्थिरता का भय दूर होगा.
रात्रि पाली में कार्यरत श्रमिकों के लिए भत्ते को 45 रुपए से बढ़ाकर 90 रुपए करने की मांग पर भी चर्चा हुई. सीजीएम ने इसे उच्च प्रबंधन के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है.
नोटसीट पर कार्यरत मजदूरों को चिकित्सा सुविधा देने की मांग पर भी वार्ता हुई है. फिलहाल अंतिम निर्णय लंबित है, पर प्रबंधन ने इसे गंभीरता से लेने और शीघ्र समाधान निकालने का वादा किया है.
गुवा क्षेत्र में एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने और नोवामुंडी कॉलेज के छात्रों के लिए स्कूली बस सेवा शुरू करने की मांग पर भी यूनियन और प्रबंधन के बीच सकारात्मक संवाद हुआ. यूनियन की मांग है कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिए उचित परिवहन मिले.
संघ ने आरोप लगाया है कि निर्माणाधीन आवासों में काम कर रहे मजदूरों को ठेकेदार न्यूनतम मजदूरी नहीं दे रहे हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है. इस पर प्रबंधन ने जांच का भरोसा देते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया है. यूनियन ने मांग की कि मजदूरों को बकाया मजदूरी तुरंत दी जाए.
रामा पाण्डेय ने कहा, “यह जीत संघर्ष का परिणाम है. जब तक गुवा खदान के मजदूरों को पूर्ण न्याय नहीं मिलेगा, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ का आंदोलन जारी रहेगा.”
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