
जादूगोड़ा: जादूगोड़ा स्थित यूसिल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने सोमवार को अपने 56वें स्थापना दिवस का आयोजन धूमधाम से किया. इस मौके पर सीआईएसएफ ने बैरेक मैदान में मुख्य समारोह आयोजित किया, जहां कमांडो जवानों ने चारों दिशाओं से दुश्मनों के हमले से बचने और विजय प्राप्त करने के लिए मॉक ड्रिल (मूल्यांकन अभ्यास) किया. इस तरह की प्रदर्शनी ने उनकी ताकत और प्रशिक्षण का अहसास कराया.
यूसिल के अध्यक्ष की प्रशंसा
समारोह के मुख्य अतिथि यूसिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉक्टर संतोष सतपति ने परेड की सलामी ली और सीआईएसएफ द्वारा न्यूक्लियर पावर कार्यक्रम की सुरक्षा में निभाई जा रही अहम भूमिका की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि इन जवानों की अचूक सुरक्षा व्यवस्था के कारण भविष्य में देश की संसद भवन में भी सीआईएसएफ की तैनाती की संभावना जताई.
सीआईएसएफ की स्थापना और सेवा
इस कार्यक्रम में डिप्टी कमांडेंट रॉकी पी एस ने भी अपने विचार रखे और बताया कि 10 मार्च 1969 को सीआईएसएफ की स्थापना हुई थी. आज 56 सालों में सीआईएसएफ के दो लाख से अधिक जवान 259 संस्थाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. यह बल विभिन्न विशिष्ट क्षेत्रों में अपनी सुरक्षा सेवाएं प्रदान कर रहा है.
समारोह में शामिल अधिकारी
कार्यक्रम में सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा यूसिल के कई प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से यूसिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉक्टर संतोष सतपति, वित्त निदेशक विक्रम केसरी दास, उपमहाप्रबंधक राकेश कुमार, डिप्टी कमांडेंट रॉकी पी एस, सहायक कमांडेंट अक्षय उगले, इंस्पेक्टर पवन कुमार, एस के सिंह, रहमान, विनय कुमार, आर के यादव समेत जादूगोड़ा, नरवा पहाड़ और तूरामडीह के जवानों और अधिकारियों ने भाग लिया
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