जमशेदपुर: टाटा स्टील और जुस्को के संवेदक (ठेकेदार) मेसर्स शर्मा एंड सन्स द्वारा कामगार रणधीर कुमार का अंतिम भुगतान और छंटनी मुआवज़ा रोके जाने के मामले में जोहार झारखंड श्रमिक महासंघ को बड़ी सफलता मिली है। महासंघ के नेता राजीव पाण्डेय के संवैधानिक और कानूनी संघर्ष के कारण आखिरकार प्रबंधन को झुकना पड़ा।
श्रम कानूनों का उल्लंघन होने के कारण यह मामला श्रम अधीक्षक, जमशेदपुर-2 के पास गया था। प्रबंधन की लगातार अनुपस्थिति को श्रम अधीक्षक ने गंभीरता से लिया और सख्त निर्देश जारी किए, जिसके बाद संवेदक प्रबंधन को जाँच-पड़ताल में भाग लेना पड़ा। यूनियन नेता राजीव पाण्डेय की लगातार पैरवी, दस्तावेज़ी प्रमाण और कानूनी दबाव के चलते मजदूर रणधीर कुमार को नोटिस पेमेंट और छंटनी मुआवज़ा के मद में कुल ₹69,000 की राशि का भुगतान चेक द्वारा आज दिलवा दिया गया।
भुगतान प्राप्त करने के बाद मजदूर रणधीर कुमार ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा “अगर यूनियन नहीं लड़ती तो हमारा हक कभी नहीं मिलता। राजीव पाण्डेय जी के संघर्ष से ही हमें न्याय मिला है। अब भरोसा बढ़ा है कि अगर अन्याय होगा तो यूनियन हमारी ढाल बनकर लड़ेगी।” अन्य मजदूरों ने भी महासंघ की कार्यशैली, तत्परता और साहसिक कदमों की खुलकर सराहना की और इसे मजदूर हित में एक ऐतिहासिक जीत बताया।
जोहार झारखंड श्रमिक महासंघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि “कोई भी प्रबंधन यदि मजदूरों का हक रोकेगा, तो उसके विरुद्ध कड़े से कड़े कानूनी कदम उठाए जाएंगे। महासंघ मजदूरों के हितों के लिए संवैधानिक, कानूनी और आंदोलनात्मक—हर स्तर पर लड़ाई जारी रखेगा। छंटनी मुआवज़ा खाया नहीं जाएगा—मजदूर जाएगा तो हक लेकर जाएगा!”
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