
जमशेदपुर: जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने घाटशिला जिला परिषद सदस्य करन सिंह की गिरफ्तारी पर कड़ा एतराज जताते हुए इसे जबरन जेल भेजने और लोकतंत्र की हत्या की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला पुलिस की खुन्नस और गैर-जिम्मेदाराना रवैये का परिणाम है. विधायक सरयू राय ने जारी बयान में बताया कि करन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति ने स्वयं गुरुवार की सुबह उनसे मुलाकात की थी. उसने स्पष्ट कहा कि करन सिंह उनके परिचित हैं और एक गलतफहमी के कारण शिकायत हुई थी. अब वह अपनी शिकायत वापस लेना चाहता है.
थाने में शिकायतकर्ता को रोका गया, मोबाइल बंद कराया गया
राय के अनुसार जब शिकायतकर्ता शिकायत वापस लेने के लिए घाटशिला थाना पहुँचा, तो वहां के थानेदार ने एक सिपाही लगाकर उसे थाना परिसर से बाहर भिजवा दिया और उसका मोबाइल फोन भी बंद करवा दिया. इसके बाद से शिकायतकर्ता के परिवारजन लगातार श्री राय से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं.
पुलिस ने बढ़ाया विवाद, समाधान नहीं खोजा
सरयू राय ने बताया कि उन्होंने इस मामले में एक से अधिक बार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और ग्रामीण एसपी से बातचीत की. उन्हें सूचित किया कि शिकायतकर्ता खुद समझौता करना चाहता है, फिर भी करन सिंह को जेल भेज दिया गया. यह पुलिस मैनुअल के खिलाफ है. उन्होंने कहा, “पुलिस का काम समाधान करना है, विवाद को बढ़ाना नहीं.”
“जनप्रतिनिधियों में डर का माहौल”
राय ने कहा कि इस घटना से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब शीर्ष अधिकारियों से लेकर थाना स्तर तक पुलिस प्रशासन ऐसा व्यवहार करेगा, तो आगे क्या होगा? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आम जनता की सहनशीलता का सीमा पार किया गया, तो बड़ा जनाक्रोश खड़ा हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से जनप्रतिनिधि भी डरने लगेंगे और जनता की समस्याओं को प्रशासन के पास ले जाने से हिचकिचाएंगे.
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