
झाड़ग्राम: झाड़ग्राम राज कॉलेज के अंग्रेजी विभाग ने 15 से 25 जुलाई तक ‘झाड़ग्राम का सतत पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत’ विषय पर एक ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम आयोजित किया। यह पहल विद्यासागर विश्वविद्यालय के नए राष्ट्रीय शिक्षा नीति पाठ्यक्रम के अंतर्गत तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए अनिवार्य इंटर्नशिप के रूप में संपन्न हुई।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को स्थानीय संसाधनों पर आधारित व्यावसायिक अवसरों से जोड़ना, पर्यटन उद्योग की नई चुनौतियों के अनुरूप प्रशिक्षित करना, और क्षेत्र की सांस्कृतिक व पारिस्थितिकीय संपदा को समझना रहा।
इंटर्नशिप के उद्घाटन सत्र का आयोजन 15 जुलाई को सिद्धू-कान्हू सभागार में हुआ, जिसमें एसडीओ शुभ्रजीत गुप्ता, कॉलेज प्राचार्य डॉ. देबनारायण रॉय, शिक्षक परिषद के सचिव आलोक गुप्ता, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. सनमिता घोष, इंटर्नशिप समन्वयक डॉ. कल्लोल रॉय और झाड़ग्राम पर्यटन के संस्थापक सुमित दत्ता मौजूद रहे।
इंटर्नशिप के दौरान प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार रहीं:
18 जुलाई: अतुल्य भारत पर्यटक गाइड सुमना मुखर्जी द्वारा झाड़ग्राम की सांस्कृतिक विरासत पर व्याख्यान
19 जुलाई: ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन (पूर्वी चैप्टर) के अध्यक्ष कौशिक बनर्जी द्वारा सतत पर्यटन पर संवाद
20 जुलाई: झाड़ग्राम पैलेस, चिल्कीगढ़ दुर्गा मंदिर और कनक अरण्य की यात्रा, जहां अभिक दास ने ऐतिहासिक कथाएं साझा कीं
23 जुलाई: चेतोना इको विलेज के संस्थापक सुभाशीष देबसिंघा द्वारा जैविक खेती पर सत्र, तथा डब्ल्यूबीएफएस के पूर्व एडीएफओ समीर मजूमदार द्वारा पर्यावरण जागरूकता पर प्रस्तुति
24 जुलाई: अतुल्य भारत पर्यटक सुविधाकर्ता सौरीश चक्रवर्ती द्वारा पर्यटन में करियर विकल्पों पर मार्गदर्शन
25 जुलाई को समापन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें पार्थ भौमिक ने लोकगीत प्रस्तुत किए, और लोकप्रिय झुमुर कलाकार इंद्राणी महतो ने पारंपरिक झुमुर गायन से सभी को आकर्षित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में झाड़ग्राम के जिलाधिकारी सुनील अग्रवाल और विशिष्ट अतिथि एसडीओ शुभ्रजीत गुप्ता ने छात्रों को इंटर्नशिप पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किए।
समापन अवसर पर झाड़ग्राम पर्यटन के संस्थापक सुमित दत्ता ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि छात्रों ने पर्यटन जैसे समृद्ध क्षेत्र को अपनी इंटर्नशिप के लिए चुना। मुझे विश्वास है कि भविष्य में कई छात्र पर्यटन उद्योग में अपना करियर बनाएंगे।”
जिलाधिकारी सुनील अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, “इस प्रकार की पहल न केवल युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देती है, बल्कि जिले की विरासत को संरक्षित रखने में भी सहायक है। मुझे उम्मीद है कि कई छात्र अब पर्यटन के जरिए अपना व्यवसाय शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।”