Jharkhand: शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की चुनौती, छात्र दो, शिक्षक और किताब हम देंगे

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जमशेदपुर: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति का एक प्रतिनिधिमंडल आज प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से उनके घोड़ाबंधा स्थित आवासीय कार्यालय में मिला. मंत्री ने लगभग दो घंटे की प्रतीक्षा के बाद प्रतिनिधियों से भेंट की. प्रतिनिधिमंडल ने लिखित आवेदन देकर आग्रह किया कि सरकारी विद्यालयों में सभी विषयों के लिए समुचित बांग्ला भाषा की पाठ्यपुस्तकें और पर्याप्त बांग्ला शिक्षकों की नियुक्ति कर तत्काल पढ़ाई शुरू कराई जाए.

मंत्री ने दिया त्वरित प्रतिक्रिया, लेकिन…
प्रतिनिधिमंडल की बातें सुनते ही शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने प्रतिक्रिया दी, “छात्र दो, हम तुरंत किताब और शिक्षक दे देंगे, पढ़ाई भी शुरू करवा देंगे.” प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को समझाने का प्रयास किया कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान स्कूलों में मातृभाषा के आधार पर किए गए सर्वेक्षण को ही सही आधार मानकर बांग्ला किताबों और शिक्षकों की बहाली की जाए.

सर्वेक्षण पर मंत्री का असहमति भरा रुख
मंत्री ने कहा कि सरकार सर्वेक्षण करवा चुकी है और किसी के कहने पर निर्णय नहीं लेगी. उनका तर्क था कि कई जगह बांग्ला भाषी छात्र हैं ही नहीं, और सरकार झूठे आधार पर बांग्ला शिक्षकों को वेतन दे रही है.

प्रतिनिधिमंडल ने इस पर जोर दिया कि झारखंड के गठन के बाद सरकार द्वारा बांग्ला किताबों की छपाई बंद कर दी गई थी, जिससे छात्रों को हिंदी माध्यम अपनाना पड़ा. पिछले पच्चीस वर्षों में बांग्ला शिक्षा पूरी तरह बंद होने के कारण छात्र संख्या में गिरावट स्वाभाविक है.

समाधान का सुझाव भी रखा गया
प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि अगर सभी विद्यालयों में बांग्ला की किताबें और शिक्षक बहाल कर दिए जाएं, तो एक से दो वर्षों के भीतर पुनः बड़ी संख्या में बांग्ला भाषी विद्यार्थी स्कूलों में नामांकन लेंगे. प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार वास्तव में बांग्ला भाषा के पुनर्जीवन को लेकर ईमानदार है, तो उसे ठोस और प्रतिबद्ध कदम उठाने होंगे, अन्यथा यह केवल एक दिखावटी प्रयास बनकर रह जाएगा.

शुभकामनाओं के साथ मुलाकात का आरंभ
भेंट के प्रारंभ में प्रतिनिधिमंडल ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मंत्री रामदास सोरेन को बांग्ला नववर्ष की शुभकामनाएं दीं. आज के प्रतिनिधिमंडल में करुणामय मंडल, राजेश राय, सुबोध गोराई, देबजित मुखर्जी, विश्वनाथ घोष, असित भट्टाचार्य, असित चक्रवर्ती, अनिमेष राय, जुड़ान मुखर्जी, सुमित जी, पार्थ राय, जहर रक्षित, विकास भट्टाचार्य, नंटू सरकार, मुनीराम बास्के और संजय चक्रवर्ती समेत कई अन्य सदस्य शामिल रहे.

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