
पुरुलिया: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के अयोध्या पहाड़ स्थित जिलिंगसेरेंग गांव में एक महिला ने शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय पहल की है. मालती मुर्मू ने अपने पति बाका मुर्मू के साथ मिलकर अपने घर में ही एक नव प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की है, जिसका नाम रखा गया है — मालती मुर्मू नव प्राथमिक विद्यालय, जिलिंगसेरेंग.
शुरुआत मिट्टी के घर से
2 फरवरी 2020 को उन्होंने दो कक्षों वाले एक मिट्टी के घर में स्कूल की नींव रखी थी. आदिवासी संस्कृति के प्रतीक ‘मरांग बुरू’ के नाम पर यह विद्यालय आरंभ हुआ. आज इस विद्यालय में कुल 45 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें अधिकांश आदिवासी समुदाय से हैं.
सपनों को आकार दे रही है यह जोड़ी
मालती और बाका मुर्मू का सपना है कि उनके स्कूल से पढ़कर बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर और समाज के जागरूक नागरिक बनें. वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए स्वयं शिक्षण का कार्य कर रहे हैं. यह दंपती कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा की लौ जलाए हुए है.
नारी शक्ति को मिला सम्मान
चांडिल अनुमंडल के समाजसेवी वशिष्ठ नारायण महतो ने मालती मुर्मू की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रयास आदिवासी समाज के बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाएगा. उन्होंने मालती की नारी शक्ति को सलाम करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया.
हाल ही में मालती मुर्मू के इस विद्यालय की कहानी सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गई. झारखंड समेत देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम न केवल शिक्षा का दीप जला रहा है, बल्कि आदिवासी समाज की शक्ति और आत्मनिर्भरता का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है.
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