
पश्चिम सिंहभूम: नोवामुंडी कॉलेज के अम्बेडकर हॉल में 25 मार्च 2025 को नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सफलता पूर्वक किया गया. इस कार्यशाला का उद्देश्य नई शिक्षा नीति के प्रमुख उद्देश्यों और इसके प्रभावों पर विचार-विमर्श करना था.
कार्यक्रम की शुरुआत और स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास ने सभी अतिथियों के साथ दीप जलाकर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया. इसके बाद कॉलेज की छात्राओं ने मधुर स्वागत गान प्रस्तुत किया, जिससे कार्यक्रम का माहौल और भी उल्लासपूर्ण बन गया. प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास ने सभी अतिथियों को बुके देकर और शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया.
नई शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा
कार्यक्रम के संचालक और कॉलेज के नैक कोऑर्डिनेटर कुलजिंदर सिंह ने अपने स्वागत भाषण में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के महत्व और इसके संभावित प्रभावों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि इस नीति का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार लाना और इसे छात्र केंद्रित बनाना है.
मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. अंजन कुमार पुष्टि, विभागाध्यक्ष पर्यावरण विज्ञान, बेहरामपुर विश्वविद्यालय, ओडिशा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से एनईपी 2020 के प्रमुख उद्देश्यों और इसके प्रभावों पर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने शिक्षा प्रणाली में सुधार के अलावा छात्रों को समग्र रूप से विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
अतिथि वक्ता डॉ. ग्रेस मालेन मुन्डु, सहायक प्रोफेसर, पीजी विभाग, पॉपुलेशन स्टडीज, फकिर मोहन विश्वविद्यालय, बालासोर, ओडिशा ने समावेशी शिक्षा और स्थानीय भाषाओं पर विचार किया. उन्होंने कहा कि एनईपी का उद्देश्य शिक्षा को सभी वर्गों तक पहुंचाना है, साथ ही भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करना है.
उच्च शिक्षा और लचीलापन
कार्यशाला के दूसरे सत्र में डॉ. संजीव कुमार सिंह, प्राचार्य, जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज, चाईबासा ने उच्च शिक्षा में एनईपी के प्रभाव और शिक्षा प्रणाली में लचीलापन लाने की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि एनईपी का उद्देश्य छात्रों को अधिक विकल्प और अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपनी शिक्षा के दौरान अपने रुचियों और क्षमताओं का अनुकूलन कर सकें.
कार्यशाला का समापन और प्रमाण पत्र वितरण
कार्यशाला के समापन सत्र में सभी वक्ताओं द्वारा प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए. प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति भारत के शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान और अनुभव सभी प्रतिभागियों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे.कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह, सर्टिफिकेट और पौधे प्रदान कर इस पल को यादगार बनाया गया.
कार्यशाला में उपस्थित प्रमुख लोग
इस अवसर पर संत अगस्तिन कॉलेज मनोहरपुर के नैक कोऑर्डिनेटर विक्रम नाग, कंप्यूटर ऑपरेटर सहदेव प्रसाद और इंडिपेंडेंट रिसर्चर डॉ. सोनाली पांडा भी उपस्थित थे. इसके अलावा कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राएं, जिनमें वाणिज्य विभाग के डॉ. मुरारी लाल वैध, पी एन महतो, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, साबिद हुसैन धनिराम महतो आदि शामिल थे, ने कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया.
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