
चाईबासा: गुवा एवं आसपास के क्षेत्रों में अतिक्रमण की समस्या दिनों-दिन गंभीर रूप धारण करती जा रही है. स्थिति ऐसी हो गई है कि इसे स्थानीय लोगों ने “सुरसा के मुंह” की उपमा दे दी है, जो निरंतर फैलता जा रहा है.
दुकान-जिम-मंदिर सब अतिक्रमण की चपेट में
गुवा क्षेत्र में दुकानों, जिम, निजी आवासों एवं यहां तक कि मंदिरों के नाम पर भी अवैध कब्जे तेजी से हो रहे हैं. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दर्जनों स्थायी दुकानें सार्वजनिक या संस्थागत भूमि पर बिना किसी अनुमति के निर्मित की गई हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी तबारक खान ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि, “सेल गुवा के पूर्व उप महाप्रबंधक नरेंद्र कु झा और महाप्रबंधक श्रीमंत नारायण पंडा की लापरवाही और निष्क्रियता के कारण अतिक्रमण बेलगाम हो चुका है. मंदिर निर्माण के नाम पर किए गए कब्जे, अब सेल गुवा प्रबंधन के लिए विकराल समस्या बनते जा रहे हैं.”
रेलवे स्टेशन परिसर भी नहीं बचा
गुवा रेलवे स्टेशन परिसर में भी व्यापक स्तर पर अतिक्रमण की बात सामने आई है. इस मुद्दे पर जब कुछ अधिकारियों से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा,“यह निर्माण कार्य हमारे कार्यकाल से पूर्व हुआ है, इसे हटाना प्रशासनिक स्तर का कार्य है.”
प्रशासन की मूकदर्शिता पर सवाल
तबारक खान ने प्रशासन को मूकदर्शक बताते हुए कहा कि यदि अब भी समय रहते प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो गुवा क्षेत्र में यह समस्या स्थायी विकृति का रूप ले लेगी. झामुमो नेता तबारक खान ने आम जनता के हित में पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन से गुवा को अतिक्रमणमुक्त करने की पुरजोर अपील की है. उन्होंने कहा कि “बंगलों तक में अवैध निर्माण पर सवाल उठने लगे हैं. यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो जनता का आक्रोश भड़क सकता है.”
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