
पश्चिम सिंहभूम: बोकना गाँव के ग्रामीणों ने टाटा स्टील लिमिटेड के आयरन ओर ट्रांसपोर्टिंग प्रोजेक्ट के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है. इस गाँव की लगभग 99 प्रतिशत आबादी आदिवासी समुदाय से संबंधित है, और उन्होंने महाप्रबंधक, टाटा स्टील लिमिटेड (विभाग-आयरन एंड माइंस) को पत्र भेजकर ट्रांसपोर्टिंग कार्य तत्काल रोकने की मांग की है.
ग्राम सभा की अनुमति का अभाव
ग्रामीणों का आरोप है कि बिना ग्राम सभा की अनुमति के खनिज ढुलाई का कार्य शुरू कर दिया गया है, जो उनके लिए एक गंभीर सुरक्षा जोखिम बन गया है. पत्र में लिखा गया है कि पहले भी ट्रांसपोर्टिंग के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में गाँव के लोग घायल हो चुके हैं, और अब ग्रामीणों को डर है कि यदि ट्रक परिचालन बिना सुरक्षा उपायों के शुरू हुआ, तो यह और बड़ी जनहानि का कारण बन सकता है.
सुरक्षा मानकों का उल्लंघन
ग्रामीणों का कहना है कि टाटा स्टील ने न तो किसी सुरक्षा मानक का पालन किया है और न ही ग्रामीणों को विश्वास में लिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान और कानून के तहत ग्राम सभा की अनुमति के बिना औद्योगिक कार्य ग्रामीण क्षेत्र में नहीं किए जा सकते. उनका यह भी कहना है कि बोकना गाँव में कभी ग्राम सभा की बैठक नहीं हुई और न ही ग्रामीणों से सहमति ली गई.
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि बिना ग्राम सभा की स्वीकृति के ट्रांसपोर्टिंग कार्य शुरू किया गया, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि गाँव के लोग अपनी आजीविका के लिए वनों और खेतों पर निर्भर हैं, और भारी ट्रकों की आवाजाही से न केवल दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है.
प्रशासन को सूचित किया गया
ग्रामीणों ने यह पत्र उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और अनुमंडल पदाधिकारी जमशेदपुर को भेजा है, ताकि प्रशासन इस मामले में उचित कदम उठा सके. इसके अलावा, अंचलाधिकारी बड़ाजामदा को भी सूचित किया गया है. पत्र पर ग्राम बोकना के प्रमुख ग्रामीणों, जैसे मुगुंडू चाम्पिया, सुरेन्द्र गोप, एडवर्ड गोप, सुरेश सिंह, प्रेम चाम्पिया और चौधरी चाम्पिया के हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनकी संख्या और अन्य ग्रामीण भी इस मामले में शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें : Saraikela: अनिल कुमार को इंटक सरायकेला जिला सचिव के रूप में किया गया सम्मानित