
CHANDIL : ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में गजों (जंगली हाथियों) ने डेरा डाला हुआ है । शाम ढलते ही जंगली हाथियों का झुंड चांडिल शहरी क्षेत्र में प्रवेश कर जाते और उपद्रव मचाने लगते है । गल्ला की दुकान, राशन डीलर की दुकान, स्कूल मिड डे के रुम, चांडिल अनुमंडल स्थित एफसीआई गोदाम को निशाना बना रहें है। हाथी चावल और गेहूं को अपना निवाला बना रहे है । एक सप्ताह के अंदर चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में गजों के आतंक से चांडिल वासी दहशत में रहने लगे है ।
शहरी क्षेत्रों में घुस कर उपद्रव मचा रहें है
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कही न कही राज्य सरकार और वन एंव पर्यावरण विभाग द्वारा गजों के लिए पर्य़ाप्त भोजन का प्रबंध नहीं किया जा रहा है। इससे चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एवं “गज परियोजना” रहते हुए जंगली हाथियों का झुंड भोजन ओर पानी की तलाश में पलायन करके ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चारों प्रखंड अंतर्गत विभिन्न जंगलों में डेरा डाले है। शाम होते ही जंगली हाथियों का झुंड शहरी क्षेत्रों में घुस कर उपद्रव मचाने लगा है और घरों को टारगेट करके रखे अनाज को अपना निवाला बना रहा है,
ग्रामीणों का घरों से निकलना कठिन
इसे साफ जाहिर होता की सेंचुरी में पर्याप्त पौष्टिक आहार कमी है , इससे जंगली हाथियों का झुंड पलायन करके ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में रहने लगा । जहां हाथियों का झुंड चांडिल जलाशय के आसपास डेरा डाला हुआ है और जलक्रीड़ा करते देखा जाता । ग्रामीणों का मानना है कि आज पांच वर्षों से दलमा सेंचुरी से हाथियों के झुंड को भोजन पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है। इससे आज हाथियों का झुंड शहरी क्षेत्र में आ जा रहा है । वन एंव पर्यावरण विभाग के पदाधिकारी आज मौन है। आम नागरिक की जान माल की सुरक्षा पर सवाल उठाया जा रहा ,हाथी की आक्रमण से सुरक्षा कोन देगा । ग्रामीणों का शमा ढलते ही हाथियों के आतंक के कारण घरों से निकलना कठिन हो गया । जो दिन रात भयवित रहने लगे है।