Jamshedpur: जमशेदपुर में बैंकों की समीक्षा बैठक- सिंहभूम में वार्षिक जमा ऋण अनुपात में सुधार, PMFME महोत्सव 23 मार्च को

Spread the love

जमशेदपुर: जमशेदपुर, समाहरणालय सभागार में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार बैंकों की जिला परामर्शदात्री समिति (DCC) और जिला स्तरीय समीक्षा बैठक (DLRC) आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी ने की. बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 की तृतीय तिमाही का वित्तीय लेखा जोखा प्रस्तुत किया. बैंकों द्वारा वार्षिक जमा ऋण अनुपात में 57.96% की उपलब्धि प्राप्त की गई, जो कि तृतीय तिमाही के 51.62% के मुकाबले बेहतर है. पूर्वी सिंहभूम जिले का वार्षिक जमा ऋण अनुपात 73.66% है, जो पूरे झारखंड राज्य में सर्वोत्तम है. हालांकि, परियोजना निदेशक ने कहा कि हमें इस परिणाम से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, और इसके और बेहतर होने की आवश्यकता है.

प्रधानमंत्री जन धन योजना और सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन

बैठक में प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत कुल 8,87,368 खातों में से 63,389 शून्य राशि के पाए गए, जबकि आधार सीडिंग का प्रतिशत 89.38% था. सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए बैंकों को परस्पर सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया गया. प्रमुख फोकस क्षेत्रों में कृषि ऋण, जमा साख में वृद्धि, मुद्रा योजना, PMEGP और PMFME योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत आवेदनों का शीघ्र ऋण वितरण सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया. इस संदर्भ में पीएमएफएमई महोत्सव का आयोजन 23 मार्च 2025 को गोपाल मैदान में किया जाएगा, जिसमें झारखंड के माननीय उद्योग मंत्री शिरकत करेंगे.

प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण में सुधार और समस्याओं का समाधान

अग्रणी जिला प्रबंधक संतोष कुमार ने कुछ बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण की कमी को स्वीकार किया. उन्होंने सुझाव दिया कि वार्षिक साख लक्ष्य को तर्कसंगत वितरण के आधार पर तय किया जाए. बैंकों को पंचायत स्तरीय सभी कार्यक्रमों में भागीदारी सुनिश्चित करने और ग्रामीण समस्याओं का शीघ्र समाधान करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने केसीसी ऋण धारकों के लाभ का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि अधिक से अधिक किसान इस लाभकारी योजना का लाभ उठा सकें.

बैंकिंग सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ाने की पहल

बैठक में यह भी तय किया गया कि ग्राहकों को बैंक शाखा में बार-बार आने की जरूरत नहीं होनी चाहिए, विशेष रूप से केवाईसी या बैंक खाता सुधार के मामले में. परियोजना निदेशक आईटीडीए ने डीडीएम नाबार्ड, अग्रणी जिला प्रबंधक, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, कृषि एवं संबद्ध विभाग, सहकारिता विभाग और जेएसएलपीएस के अधिकारियों के साथ एक सामूहिक बैठक आयोजित करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि यदि यह समूह मिलकर कार्य करता है, तो जिले में उद्योग, कृषि, और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे लोगों को रोजगार और आमदनी के अवसर मिलेंगे.

पंचायत भवनों में बैंक शाखाएं और एटीएम स्थापित करने पर जोर

साथ ही, सभी बैंकों को पंचायत भवनों में बैंक शाखाएं और एटीएम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हो सकें. बैठक में डीडीएम नाबार्ड, अग्रणी जिला प्रबंधक, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, कृषि एवं संबद्ध विभाग, सहकारिता विभाग, जेएसएलपीएस के अधिकारी और विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयक उपस्थित थे.

इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: जिले में बच्चों को जल्द मिलेगी साइकिल, प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति


Spread the love

Related Posts

Har har mahadeo : भजन संध्या के लिए दुल्हन की तरह सजा कालीमाटी रोड, मनोज तिवारी करेंगे भजनों की वर्षा 

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर :  श्रावण मास की अंतिम सोमवारी के पावन अवसर पर 4 अगस्त (सोमवार) की शाम 6 बजे से साकची गुरुद्वारा मैदान में आयोजित होने वाली 25वीं भव्य…


Spread the love

UCIL में मजदूरों की बहाली को लेकर ठेका यूनियन का प्रबंधन को अल्टीमेटम, पोटका विधायक संजीव सरदार को भी सौंपा ज्ञापन

Spread the love

Spread the love14 दिन में बहाली नहीं तो 15वें दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी पोटका : यूसिल नरवा पहाड़ माइंस की आठ ठेका इकाइयों में टेंडर अवधि समाप्त होने…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *