
जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में अब जिले के ही आदिवासी विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी. यह निर्णय मंगलवार को शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया. बैठक में पोटका विधायक संजीव सरदार एवं समीर मोहंती भी मौजूद रहे.बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक जिले के कई छात्रों को चतरा जैसे दूरस्थ जिलों के एकलव्य विद्यालयों में भेजा जा रहा था, जिससे छात्र और अभिभावक दोनों को असुविधा हो रही थी. इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए मंत्री सोरेन ने स्पष्ट निर्देश दिया कि “अब जिले के आदिवासी विद्यार्थियों को जिले के ही एकलव्य विद्यालयों में दाखिला दिया जाएगा. बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं.”
फंड न मिलने से अटका दाखिला, शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
बैठक में यह भी उजागर हुआ कि केंद्र सरकार से परिचालन मद में फंड की देर से प्राप्ति के कारण स्कूलों में छात्रावास और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित हुई हैं, जिससे कई बच्चों का दाखिला अब तक रुका हुआ है. मंत्री सोरेन ने इस पर नाराज़गी जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन बच्चों का दाखिला रुका हुआ है, उनकी प्रवेश प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए और सत्र में विलंब न हो.
पूर्वी सिंहभूम जिले में पाँच एकलव्य विद्यालय – गुड़ाबांदा, बहरागोड़ा, पोटका, डुमरिया और धालभूमगढ़ प्रस्तावित हैं. इस वर्ष गुड़ाबांदा को छोड़कर बाकी चार विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी चल रही है.
निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगा अंकुश
बैठक में निजी स्कूलों की मनमानी पर भी चर्चा हुई. शिक्षा मंत्री ने सभी निजी स्कूलों को सरकारी नियमों के अनुरूप संचालन करने का निर्देश दिया. विधायक संजीव सरदार ने कहा कॉपी-किताब की जबरन बिक्री, फीस वसूली, यूनिफॉर्म में मनमानी जैसे मामलों में लगातार शिकायतें मिल रही हैं. प्रशासन को ऐसे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी. उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि नियमित स्कूल निरीक्षण करें और नियमों के उल्लंघन पर सख्ती से निपटें.
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