
सरकारी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रही.
देवघर : शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुंदन कुमार के साथ मारपीट की घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झासा के बैनर तले जिले के चिकित्सकों ने एकदिवसीय कार्य बहिष्कार किया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी डॉक्टरों के आंदोलन का नैतिक समर्थन किया है। कार्य बहिष्कार के कारण सरकारी और प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक में चिकित्सकों ने एक भी मरीज का इलाज नहीं किया। अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चली।
आंदोलन की चेतावनी
इस दौरान अस्पताल के सभागार में आइएमए अध्यक्ष डॉ. डी. तिवारी के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें घटना की निंदा करते हुए सभी चिकित्सकों ने एकजुटता दिखाई। आइएमए ने कहा जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए दो दिनों का समय दिया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण यह विरोध प्रदर्शन जरूरी हो गया। विरोध कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. यूगल किशोर चौधरी, डीएस डॉ. प्रभात रंजन समेत जिले के दर्जनों डॉक्टरों ने भाग लिया और न्याय की मांग की। आइएमए ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
क्या था मामला
शहर के बाजला चौक स्थित आरोग्य शिशु केंद्र में एक माह के एक बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने क्लिनिक में हंगामा और तोड़फोड़ किया था और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुंदन कुमार को सिर फोड़ दिया था। क्लिनिक में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना कैद हुई थी। रिखिया थाना क्षेत्र के गौरीगंज गांव निवासी अजीत कुमार ने अपने दस माह के बच्चे अनुराग को क्लिनिक में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने जांच के बाद बच्चे का हालत नाजुक बताई थी। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हुई है। उसे गलत सूई दे दी गई थी। वहीं डॉ. कुंदन कनखल था कि इलाज के बाद दवा दिया गया था। इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर घर चले गए। फिर से दोबारा बच्चे को लेकर आए। बच्चे को सूई देने की सलाह दी गई। लेकिन उन लोगों ने सूई लगवाने से इंकार कर दिया। उसके बाद वे लोग चले गए। अहले सुबह करीब तीन बजे तीसरी बार बच्चे को लेकर आए। बच्चे की जांच की गई तो उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद परिजनों ने क्लिनिक में हंगामा, तोड़फोड़ किया था। मामले में जख्मी डॉक्टर की ओर से नगर थाने में बबलू राउत और नरेश गोस्वामी समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।