
पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को बिहार के एक अहम दौरे पर आ रहे हैं. यह उनका ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला बड़ा दौरा होगा. वे बिहार के बिक्रमगंज से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे और एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. यह सभा बिहार में एनडीए की चुनावी ताकत को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
नबीनगर में सुपर थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान औरंगाबाद जिले के नबीनगर में बनने वाले सुपर थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास करेंगे. यह प्लांट देश का दूसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादन संयंत्र होगा, जिसकी क्षमता 2400 मेगावाट होगी. इस परियोजना की लागत लगभग 29,947.91 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसके स्टेज-2 में तीन यूनिटों के जरिए बिजली उत्पादन होगा, जिससे बिहार को करीब 1500 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी.
पटना एयरपोर्ट टर्मिनल और अहम अधोसंरचना परियोजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन भी करेंगे. इसके अलावा पटना-सासाराम-वाराणसी-रांची फोरलेन हाईवे और बिहटा एयरपोर्ट विस्तार योजना जैसी महत्वपूर्ण अधोसंरचनात्मक परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी जा सकती है. ये परियोजनाएं बिहार के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी.
सुपर थर्मल पावर प्लांट क्या है?
सुपर थर्मल पावर प्लांट बड़े पैमाने पर तापीय विद्युत उत्पादन के लिए बनाए जाते हैं. ये मुख्यतः कोयला, गैस या तेल जैसे जीवाश्म ईंधनों से बिजली उत्पादन करते हैं. इस संयंत्र की क्षमता सामान्यत: 500 मेगावाट या उससे अधिक होती है, और यह कई यूनिटों में विभाजित होता है. बॉयलर, टरबाइन और जनरेटर की सहायता से भाप बनाकर बिजली उत्पन्न की जाती है.
पर्यावरणीय चुनौतियां भी जुड़ी हैं
हालांकि सुपर थर्मल पावर प्लांट देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इनके साथ पर्यावरणीय प्रभाव और वायु प्रदूषण की चुनौतियां भी जुड़ी होती हैं. इसलिए इन्हें संचालित करते समय पर्यावरण संरक्षण के उपायों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है.
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