
गुवा: गुवा पोस्ट ऑफिस में सामने आए करोड़ों रुपये के फिक्स डिपॉजिट घोटाले ने स्थानीय लोगों की नींद उड़ा दी है। सोमवार की सुबह जब यह खबर अखबार में छपी, तो दर्जनों खाताधारक डाकघर की ओर दौड़ पड़े। हर किसी के हाथ में पासबुक थी और चेहरों पर चिंता साफ झलक रही थी। डाकघर के बाहर लाइनें लग गईं।
खासकर पेंशनधारी, बुजुर्ग महिलाएं, किसान और दिहाड़ी मजदूर अपने खातों की स्थिति जानने खुद पहुंच गए। वर्तमान पोस्टमास्टर विवेक आनंद दिनभर ग्राहकों के खातों की जांच में जुटे रहे। अब तक दर्जनों खातों की पड़ताल की जा चुकी है और स्थिति गंभीर होती जा रही है। यह साफ हो गया है कि जिन 35 खातों की जानकारी पहले सामने आई थी, वे केवल इस घोटाले की शुरुआत थे।
बाहर जमा भीड़ में लोगों ने नाराजगी जताई और पोस्ट ऑफिस पर जमकर सवाल खड़े किए। नारों में गूंज था – “मेहनत की कमाई लौटाओ”, “फर्जी पासबुक की जांच करो”, “डाकघर में भी ठगी? शर्म करो!”। स्थानीय लोग इसे सिर्फ आर्थिक धोखा नहीं, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संकट बता रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले की जांच सीआईडी या सीबीआई स्तर पर कराई जाए, सभी खातों का डिजिटल ऑडिट हो, और पीड़ितों को जल्द राहत राशि दी जाए।
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को सिंहभूम प्रमंडल, रांची के वरीय डाक अधीक्षक उदय भान सिंह खुद गुवा पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों से बातचीत की और मामले की प्राथमिक जांच की अगुवाई की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिन ग्राहकों का पैसा गबन हुआ है, उन्हें विभागीय प्रक्रिया के तहत तीन महीने के भीतर पूरी राशि लौटाई जाएगी।
अब तक 10 खाताधारकों के साथ 48 लाख 81 हजार रुपए की ठगी की पुष्टि हो चुकी है। अधीक्षक ने बताया कि यह शुरुआती आंकड़ा है, वास्तविक राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है। पोस्टमास्टर विकास कुलिया, जो 20 जून को गुवा से चिड़िया डाकघर स्थानांतरित हुए थे, तब से लापता हैं।
वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पीड़ितों से क्लेम फॉर्म भरवाकर धनवापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता सिर्फ दोषी को पकड़ना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर खाताधारक को उसका हक मिले। डाक विभाग पर लोगों का विश्वास बना रहना चाहिए।”
घटनास्थल पर जगन्नाथपुर अनुमंडल डाक निरीक्षक सुमन कु. सामंता भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि विस्तृत जांच के बाद गुवा थाना में मामला दर्ज किया जाएगा।
स्थानीय लोग अब सिर्फ आरोपी की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस पूरे सिस्टम की जवाबदेही तय होते देखना चाहते हैं जो वर्षों से यह घोटाला होते हुए देखता रहा। गुवा पोस्ट ऑफिस स्कैम ने सरकारी व्यवस्थाओं में गहरी सेंध की ओर इशारा कर दिया है।
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